भोपाल– विवादों में रहने वाले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के शिक्षक और कर्मचारियों द्वारा एक पार्टी विशेष के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की शिकायत निर्वाचन आयोग को की गई है।
कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रियनाथ पाठक द्वारा की गई शिकायत के अनुसार विश्वविद्यालय के कुछ विभागध्यक्षों के माध्यम से लगभग 35 छात्रों को भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया एवं आईटी सेल में “नमो फार इंडिया” के अंतर्गत भेजा गया है। यह छात्र निरंतर कुछ शिक्षकों के मार्गदर्शन में सोशल मीडिया पर काम कर रहे हैं।
शिकायत में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक और कर्मचारी आरएसएस के पदाधिकारी है और वह निरंतर चुनाव संबंधी प्रचार बैठकों में हिस्सा लेते रहते हैं। यह बैठकें संघ के कार्यालय एवं विश्विद्यालय के नवनिर्मित गेस्ट हाउस में होती हैं।
शिकायत में मांग की गई है कि चूंकि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री केजी सुरेश, रजिस्ट्रार श्री अविनाश बाजपेई और शिक्षक श्री संजय द्विवेदी (पूर्व रजिस्ट्रार) के निर्देशन में यह सब हो रहा है इसलिए इसकी जांच किसी बाहरी एजेंसी द्वारा कराई जाए।
शिकायत में बताया गया कि तीन वरिष्ठ स्तर पर पदस्थ लोगों के अतिरिक्त प्रो आशीष जोशी (प्रज्ञा प्रवाह), असिस्टेंट प्रो लोकेंद्र सिंह (विश्व संवाद केंद्र), असिस्टेंट रजिस्ट्रार गिरीश जोशी (आरएसएस पदाधिकारी), वित्त अधिकारी रिंकी जैन (वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी अरुण जैन की बहू), प्रोड्यूसर रामदीन त्यागी (विश्व संवाद केंद्र) प्रोड्यूसर दीपक चौकसे (आरएसएस),प्रोड्यूसर मनोज पटेल, प्रो अरुण खोबरे, प्रो शशिकला, प्रो उर्वशी परिहार, प्रो मनीषा वर्मा, सुरेंद्र ठाकरे, निखिल चौरसिया, राममोहन शर्मा, हेमेंद्र खरे, राकेश पांडे, आरती सारंग (मंत्री विश्वास सारंग की बहिन) रीवा कैंपस के अखिलेश पांडे, जो कि भाजपा प्रवक्ता भी हैं, विशेष रूप से कार्यालयीन समय के बाद भाजपा का प्रचार कर रहे हैं।
निर्वाचन आयोग से मांग की गई है कि निवेदन है कि आचार संहिता का उलंघन करने वाले उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारियों और शिक्षकों के मोबाइल और कम्प्यूटर की जांच कराकर उनके द्वारा भाजपा के लिए प्रचार सामग्री और लेखों का सत्यापन किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विश्विद्यालय पिछले कुछ वर्षों से भाजपा और आरएसएस की अनधिकृत गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस का दुरुपयोग आरएसएस के नेताओं द्वारा किया जा रहा है। गेस्ट हाउस के रजिस्टर की जांच से यह साबित हो जाएगा।