नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकाल के दौरान परियोजनाओं के लिए ‘40% कमीशन’ के आरोपों की जांच के लिए एक जांच आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की है.
बीते साल कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में लगाए गए आरोपों के आधार पर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले एक अभियान चलाया था. उक्त पत्र में एसोसिएशन ने दावा किया था कि ठेकेदारों को सिविल काम शुरू होने से पहले 25 से 30% और काम के बाद के बिलों के लिए 5-6% का ‘कट’ देने के लिए रजामंदी देनी होती थी. उन्होंने यह भी शिकायत की थी कि ऐसे दिशानिर्देश राज्य के बाहर के ठेकेदारों के पक्ष में थे.
कांग्रेस सरकार ने पहले आरोपों की जांच के लिए हाईकोर्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश एचएन नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति गठित करने की अधिसूचना जारी की थी.
जांच आयोग की नवीनतम अधिसूचना के बाद पिछले आदेश को रद्द कर दिया गया है. हालांकि, जस्टिस दास ही नए आयोग के प्रमुख होंगे.
अख़बार के अनुसार, सरकार ने ‘40% कमीशन’ के आरोप की जांच को और अधिक मजबूती देने के लिए समिति के बजाय एक आयोग बनाने का फैसला किया है. आयोग का गठन जांच आयोग अधिनियम के तहत किया गया है जबकि पिछली समिति सरकार के एक कार्यकारी आदेश के जरिये बनी थी.
आयोग का मूल मकसद कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ द्वारा किए गए दावों की जांच करना है. इसके अलावा यह आयोग निविदा (टेंडर) प्रक्रियाओं में पेश आने वाली किसी तरह की कमी की भी जांच करेगा.