नई दिल्ली:
मोदी सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन की सोच को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए बुधवार को लोक सभा में मौजूद सभी पार्टियों के अध्यक्षों की बैठक पर बुलाई है. इस बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार, 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वें जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी. फिलहाल पीएम की पहल से इस संवेदनशील मुद्दे पर फिर एक बड़ी राजनीतिक बहस शुरू हो गयी है. ममता बनर्जी ने तो इस बैठक का हिस्सा बनने से ही इनकार कर दिया है.
नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. बीजेडी सांसद पिनाकी मिसरा ने एनडीटीवी से कहा, ‘कई साल से इस प्रस्ताव का विरोध कर रही कांग्रेस इस बैठक से पहले अपने पत्ते नहीं खोल रही है.’ वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफज़ल ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रस्ताव के सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर कोई फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि अभी कहना मुश्किल है कि पीएम की बैठक में इसके पक्ष में रहेंगे या विपक्ष में.
लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि वो निजी तौर पर इसका समर्थन करते हैं. रवनीत बिट्टू, सांसद, कांग्रेस ने एनडीटीवी से कहा, ‘मेरी निजी राय है कि ये बहुत जरूरी है. वन नेशन, वन इलेक्शन होना चाहिए. अभी लगातार चुनाव की वजह से एक राज्य में पांच साल में से करीब 1 साल तो आचार संहिता ही लगी रहती है. लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाया और पंचायत चुनाव की वजह से’