छत्तीसगढ़ के भयानक नक्सली हमले के साए में आंतरिक सुरक्षा पर बुलाया गया मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन देखते ही देखते केंद्र बनाम राज्यों की लड़ाई का अखाड़ा बन गया।
गैर यूपीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को एक बार फिर केंद्र की नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर (एनसीटीसी) गठित करने की बहुप्रतीक्षित योजना को पंचर करने की कोशिश की।
गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इन मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी के मसौदे में केंद्र की ओर से किए गए कई अहम बदलाव के बावजूद उसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया।
हालांकि इस बार एनसीटीसी पर केंद्र सरकार का रुख भी सख्त दिख रहा है। केंद्र सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि इस विरोध के बावजूद वह एनसीटीसी के नए मसौदे को लागू करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी कर देगी।
गौरतलब है कि केंद्र ने राज्यों की मांग पर एनसीटीसी को खुफिया एजेंसी आईबी के दायरे से हटा कर उसकी तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार खत्म कर दिए हैं।
नए मसौदे के मुताबिक यह संस्था राज्यों को विश्वास में लिए बिना कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी। सरकार का पक्ष रखते हुए वित्त मंत्री और एनसीटीसी के आर्किटेक्ट माने जाने वाले पी चिदंबरम ने कहा कि नरेंद्र मोदी और इस
एजेंसी का विरोध करने वाले अन्य लोग देश में पोटा और टाडा जैसे विवादास्पद कानून वापस लाना चाह रहे हैं।
यूपीए टाडा और पोटा के पक्ष में नहीं है। चिदंबरम ने चेताया कि अब एनसीटीसी को लागू नहीं किया गया तो आतंकवाद के मोर्चे पर देश को भारी कीमत चुकानी होगी।
इस विरोध पर खासे मुखर दिख रहे चिदंबरम ने अफसोस जताया कि राज्यों की मांग पर एनसीटीसी में किए गए बदलाव के बावजूद इसका विरोध हो रहा है। ये मुख्यमंत्री आतंकवाद के खिलाफ विशेष दस्ता गठित करने की केंद्र की तमाम कोशिशों पर पानी फेर रहे हैं।
इससे पहले नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान आदि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में एनसीटीसी के नए प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज कर दिया।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तो अपना विरोध जाहिर करते हुए बैठक में शामिल होने भी नहीं आईं।
मोदी ने एनसीटीसी को राज्यों को कमजोर करने का केंद्र का हथकंडा बताया तो उनके सुर में सुर मिलाते हुए शिवराज ने एनसीटीसी की परिकल्पना को ही गलत करार दे दिया और कहा कि उन्हें एनसीटीसी किसी भी सूरत में मंजूर नहीं।
नक्सली हमले का कहर झेल रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एनसीटीसी की जगह संसद से पास कानून की वकालत की। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने भी एनसीटीसी का विरोध किया।