ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि आकाश मंडल में 14वां नक्षत्र चित्रा है। जिस व्यक्ति का जन्म इस नक्षत्र में होता है वो साहसी और उर्जावान होते हैं। इन्हें जो भी जिम्मेदारी मिलती है उसे बखूबी निभाने की कोशिश करते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के विषय में कहा जाता है कि यह अपने जन्म स्थान से दूर जाकर अधिक प्रसिद्घि और धन वैभव प्राप्त करते हैं।
इस नक्षत्र के दो चरण कन्या राशि में एवं दो चरण तुला राशि में होते हैं इसलिए कन्या और तुला राशि वालों में इस नक्षत्र के गुण दिखते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति मिलनसार और वाक्पटु होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा रिश्तों में तालमेल बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
इनकी सफलता का आधार इनका हमेशा सजग और सक्रिय रहना है। यही किसी काम को कल पर टालने की बजाय जल्दी से जल्दी निबटा लेने में यकीन रखते हैं इसलिए जीवन में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं। ऐसे व्यक्ति रिश्तों के प्रति भावुक होते हैं लेकिन अपने लाभ-हानि को अच्छी तरह समझते हैं इसलिए व्यवहारिक जीवन में भावुकता को हावी नहीं होने देते।
बुध और तुला दोनों राशियों में तोल-मोल और व्यावसायिक गुण मौजूद होते हैं। इसलिए चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति नौकरी से अधिक व्यवसाय में रूचि रखते हैं।
इनमें एक अच्छी बात यह होती है कि ये निराशा को जल्दी हावी नहीं होने देते। हमेशा खुश रहने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर इनका दांपत्य जीवन सुखद और शंतिपूर्ण होता है। इनके बच्चे भी बुद्घिमान और समझदार होते हैं।
खूबियों के बाद इनके व्यक्तित्व की एक बड़ी कमी भी जान लीजिए। इन्हें क्रोध बहुत जल्दी आता है। और क्रोध की स्थिति में यह अच्छा बुरा सोचना बंद कर देते हैं। लेकिन गुस्सा अधिक समय तक नहीं रहता है। ऐसे लोग जल्दी ही इन पर काबू पा लेते हैं।