आरटीआई क़ानून पर जस्टिस लोकुर ने चिंता जताई, कहा- कोई नहीं जानता पीएम केयर्स फंड कहां जा रहा
आरटीआई क़ानून की 16वीं वर्षगांठ के मौक़े पर एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि एक लोकतांत्रिक गणराज्य के कामकाज के लिए सूचना महत्वपूर्ण है. इसका उ ...
Read More »निजामुद्दीन से तबलीगी जमात को खाली करवाया गया, निकाले गए सभी लोग
नई दिल्ली, 31 मार्च - दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज से आज (मंगलवार) ...
Read More »मुस्लिम रामजन्मभूमि हिन्दुओं को देना चाहते थे-अंग्रेजों ने विफल किया था
अयोध्या-सन 1857 की अंग्रेज़ो के खिलाफ हुई क्रांति मे बहादुर शाह जफर को सम्राट घोषित करके विद्रोह का नारा बुलंद किया गया। उस समय अयोध्या के हिन्दू राजा देवी बख्श सिंह ,गोंडा के नरे ...
Read More »साधू की सीख
किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी ,तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , औ ...
Read More »मोदी जी, काश्मीर मे चल क्या रहा है ?
सत्येन्द्र खरे आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद पूरे जुलाई के महीने कश्मीर आतंक के साये मे रहा, आतंकी बुरहानवानी के समर्थक लगातार विरोध करते रहे, पाकिस्तान की गीदड़ फफ़्तिया घाटी ...
Read More »क्रेडाई की भ्रष्टाचार विरोधी रैली से चरितार्थ हुई “सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” वाली कहावत
अखबारों में पढ़ा कि क्रेडाई (बिल्डर्स की एसोसिएशन) के सदस्यों ने कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार के विरोध में शांति मार्च किया और ज्ञापना सौंपा। सुबह पोहे के साथ मानसरोवर कांप्लेक्स में क ...
Read More »भरे पेट के चोंचले हैं शाकाहारी मांसाहारी की बहस
उदयन में कुछ नए projects शुरू करने हैं. खरगोश पालन के लिए उत्तम breed कहाँ मिलेगी. मशरुम उत्पादन के लिए उत्तम quality का बीज चाहिए. Bangalore स्थित poultry research इंस्टिट्यूट से ...
Read More »भारत में मुस्लिम महिलाओं की वैवाहिक स्थिति पर चिंतन
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक और बहुविवाद के मामलों में मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों पर विचार करने का फैसला किया है. पत्रकार सुहैल वहीद का कहना है कि इस समय यूनिफॉर्म सिविल ...
Read More »काकी : एक अमृतधारा
चैते गुड, वैसाखे तेल, जेठे केंथ, अषाडै बेल; साउन साग, भादौं दही, क्वांर करेला, कातिक मही; अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिसरी, फागुन चना; जो यह बारह देई बचाय, ता घर वैद कभऊं नइं जाए!! ...
Read More »घुसपैठिया कौन…’शेरखान’ या ‘हम’ ?
जी हां, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आजकल यही हो रहा है। इस माटी की जिन विशेषताओं को देख कर 1956 में इसे राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया था, पानी, जमीन और हरी भरी सुरम्य वादि ...
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