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 बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने बुद्धिस्ट परिपथ का विकास | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने बुद्धिस्ट परिपथ का विकास

mp tourisam5 करोड़ रुपये के कार्य मंजूर

 

मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम अब पर्यटकों को बौद्ध पर्यटन की ओर आकर्षित करने के लिए बुद्धिस्ट परिपथ का विकास करेगा। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

प्रदेश में साँची बौद्ध पर्यटकों का पंसदीदा स्थल है। भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित विश्व धरोहर साँची में श्रीलंका, जापान, थाईलेंड, कोरिया तथा चीन से लोग भ्रमण पर आते हैं। यहाँ पर कई बौद्ध स्मारक हैं जो तीसरी शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। वर्ष 1912 से 1919 के बीच जान मार्शल की देखरेख में ढाँचों को वर्तमान रूप में लाया गया। साँची में बौद्ध वास्तु शिल्प की बेहतरीन कृतियाँ हैं, जिनमें स्तूप, तोरण स्तंभ शामिल हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा साँची में बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान-अध्ययन विश्वविद्यालय स्थापित भी किया जा रहा है।

पर्यटन विकास निगम द्वारा बुद्धिस्ट सर्किट के तहत आने वाले पर्यटन संभावित क्षेत्रों के विकास की कार्य-योजना बनाई गई है। साँची के साथ ही सतधारा, सोनारी, मूरेलखुर्द तथा अंधेर को मिलाकर बुद्धिस्ट सर्किट तैयार किया गया है। उल्लेखनीय है कि साँची से 17 किलोमीटर की दूरी पर हलाली नदी पर सतधारा स्तूप स्थित है। यहाँ पर सात स्तूप हैं, जिसमें सारिपुत्र तथा मौदत्रलयायाना नामक भगवान बुद्ध के शिष्यों के अवशेष पाये गये थे। सोनारी गाँव साँची से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर छोटी पहाड़ियों पर बौद्ध स्तूप स्थापित हैं। विदिशा से 17 किलोमीटर की दूरी पर अंधेर गाँव है जहाँ पर तीन बौद्ध स्तूप है, जिनमें वाकीपुत्र, मोगालयापुत्र तथा हरिथीपुत्र के अवशेष पाये गये हैं।

बुद्धिस्ट सर्किट के अन्तर्गत आने वाले पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों की सुविधा के लिए सड़क निर्माण, डे-शेल्टर, व्यू प्वांइट, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन तथा सड़कों के किनारे सूचना बोर्ड और साइनेजेस, सतधारा, सोनारी तथा मुरेलखुर्द में पर्याप्त रोशनी के लिए लाइटिंग और सोलर लाइटिंग तथा आश्रय-स्थल, शौचालय आदि का निर्माण किया जायेगा।

इसके अलावा निगम ने इन क्षेत्रों में मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए नवीनतम तकनीकों तथा व्यू.आर. कोड को भी स्थापित करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में यह सुविधा खजुराहो तथा ओरछा में उपलब्ध है। व्यू.आर. कोड की मदद से विदेशी पर्यटकों को मोबाईल फोन पर अपनी भाषा में इन ऐतिहासिक धरोहरों की पूरी विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।

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