नई दिल्ली: कोल ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ियों को लेकर विपक्ष ने आज संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की। वहीं सरकार ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग खारिज कर दी है।
इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन हंगामे के बाद लोकसभा कल तक के लिए और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
कोयला और स्टील मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि साल 1993 से 2008 तक जितने भी कोल ब्लॉक का आवंटन किए गए, वह गलत तरीके से किए गए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस कोल ब्लॉक में प्रोडक्शन अभी शुरू नहीं हुआ है, उसे रद्द कर देना चाहिए। रिपोर्ट में इस बात को साफ किया गया है कि कोल ब्लॉक आवंटन में न तो पारदर्शिता बरती गई और न ही सरकार को इन आवंटनों से कोई फायदा हुआ है।
भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। सरकार को रहने का कोई हक नहीं है, वह जिस प्रकार से सीबीआई के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वह बहुत खराब है।
इसके साथ ही विपक्ष ने कोलगेट मामले में कानून मंत्री अश्विनी कुमार के भी इस्तीफे की मांग की है। दरअसल, कोलगेट पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट बदलने के मामले में सरकार और कानून मंत्री अश्विनी कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं।
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सुप्रीम कोर्ट में दिए जाने वाले एफिडेविट में सीबीआई यह बात मान सकती है कि स्टेट्स रिपोर्ट को कानून मंत्री ने पहले देखा था। साथ ही रिपोर्ट की भाषा में बदलाव भी किए गए थे, लेकिन सीबीआई साथ ही यह भी कहने वाली है कि भाषा में बदलाव से रिपोर्ट के सार में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। सीबीआई निदेशक फिलहाल विदेश गए हैं और उनके लौटने के बाद इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया जा सकता है।