नई दिल्ली, 5 जुलाई – इस बार बिहार विधानसभा चुनाव का रंग अलग होने वाला है। आमतौर पर चुनावों में दिखने वाली गहमागहमी से इतर, इस बार सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव लड़ाई लड़ी जा रही है। हालांकि इस लड़ाई में भाजपा अन्य दलों से काफी आगे है, लेकिन अब जेडीयू भी भाजपा की ही तर्ज पर वर्चुअल रैली और सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। देश भर में 60 वर्चुअल रैलियों के सफल आयोजन के बाद अब भाजपा ने बिहार पर ध्यान केंद्रित कर लिया है। पार्टी का ज्यादा जोर सोशल मीडिया कैम्पेन पर है। इसके लिये पार्टी ने 9,500 आईटी सेल हेड के तौर पर कार्यकर्ताओं को तैनात किया है जिनके ऊपर सोशल मीडिया कैंपेन की बागडोर होगी।
बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक नितिन नवीन ने आईएएनएस को बताया, “हर शक्ति केन्द्र, मंडल और जिले स्तर पर कार्यकर्ताओं का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसके जरिये सूचनाओं का आदान प्रदान होता है। इसके आलावा बूथ स्तर तक हमलोग आम जनता का भी व्हाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। इन सभी व्हाट्सएप ग्रुप के बीच समन्वय और केन्द्र के निर्देशों का रियल टाइम डिलीवरी के लिए हर शक्ति केन्द्र पर आईटी हेड बनाये गए हैं। ये आईटी हेड अपने ही कार्यकर्ता होते हैं जिनको आईटी की जानकारी होती है।”
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि पिछले दो महीने में पार्टी ने ऐसे ही 50 हजार व्हाट्सएप ग्रुप का गठन कर लिया है और इस संख्या को 72,000 हजार के आस पास किये जाने की योजना है। पार्टी द्वारा नियुक्त किये गए आईटी हेड, केन्द्रीय भाजपा के आईटी सेल की निगरानी में काम करेगा। प्रचार की पूरी सामग्री यहीं से सभी आईटी हेड को प्रेषित की जाएगी।
गौरतलब है कि सांगठनिक रूप से पार्टी ने राज्य को 5,500 मंडल और 9,500 शक्ति केंद्रों में बांट रखा है। प्रत्येक शक्ति केन्द्र से 6 से 7 बूथों का कामकाज देखा जा रहा है। भाजपा का अधिक जोर वर्चुअल रैली और सोशल मीडिया कैम्पेन पर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली से आरंभ हुई यात्रा अब विधानसभा क्षेत्रों में हो रही है।
दूसरी तरफ भाजपा चुनावी अभियान में पीएम की पाती को जमकर इस्तेमाल कर रही है। पार्टी के दो कार्यकर्ता घर घर दस्तक दे रहे हैं और प्रधानमंत्री के एक साल के कामकाज का ब्योरा मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं। इस अभियान में पार्टी के सांसद और विधायकों को भी जोड़ा गया है। पार्टी की योजना सभी मतदान केंद्र और एक-एक मतदाताओं तक पहुंचने की है। सभी मतदान केंद्रों पर सप्तऋषि के नाम से सात सक्रिय कार्यकर्ताओं की टीम को तैनात किया जा रहा है।