स्वस्थ ग्राम प्रहरी दल गठित होंगे , राज्य-स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न
प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये अधिकारियों को अपने श्रेष्ठतम प्रयासों के साथ शत-प्रतिशत उपलब्धि का लक्ष्य सामने रखकर इसे परिणाममूलक बनाना होगा। प्रदेश में स्वस्थ ग्राम प्रहरी दल के गठन की भी योजना बनाई गई है। यह बात लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रवीर कृष्ण ने कही। वे आज यहाँ मातृ एवं बाल सुरक्षा पर राज्य-स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की राज्य संचालक श्रीमती एम. गीता, संचालक स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल, दिल्ली से आये विषय-विशेषज्ञ, जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।
श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा कि स्वस्थ ग्राम प्रहरी दलों में वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के साथ मैदानी स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ता और 15 सदस्य रहेंगे। दल के पास एक लाख रुपये तक के व्यय के अधिकार रहेंगे। प्रदेश के 50 हजार ग्राम आरोग्य केन्द्रों को धुरी मानकर यह दल कार्य करेंगे। यह दल ममता अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेंगे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता तक पहुँचाने के लिये निःशुल्क दवा वितरण, निःशुल्क जाँच, परिवहन और भोजन की व्यवस्था की गई है। इन कार्यों के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वालों के प्रति कड़ी कार्यवाही की जाये। अच्छा कार्य करने वालों को विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि जिला अस्पताल उपचार की महत्वपूर्ण इकाई है। इसमें व्यक्ति को पूर्ण उपचार प्राप्त हो और यहाँ से कोई प्रकरण आगे के लिये रेफर न हो इस बात का दृढ़ता से पालन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये यह आवश्यक है कि चिकित्सक प्राथमिक स्तर पर ही ‘हाईरिस्क डिलेवरी’ की पहचान कर उसी के अनुकूल निदान की व्यवस्था करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी कारण से हुई मृत्यु को छिपाने के स्थान पर प्रयास में कमी को पहचान कर भविष्य में सावधानी बरतने के लिये तत्पर रहें।
कार्यशाला में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उपायो पर विस्तार से विमर्श हुआ। बताया गया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये कमजोर क्षेत्रों के रूप में चिन्हित 17 जिलों, रायसेन, टीकमगढ़, सीधी, सिंगरौली, सागर, दमोह, सतना, डिण्डोरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, छतरपुर, पन्ना, बड़वानी, मण्डला, झाबुआ, अलीराजपुर, में स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से उच्च प्राथमिकता पर कार्य किया जा रहा है।