अगर आप चाय, कॉफी या दूध पीते हैं तो आज इन चीजों से परहेज रखें क्योंकि दूध युक्त पेय अथवा चीजों को खाने से पाप लग सकता है। इसका कारण यह है कि आज भाद्र कृष्ण चतुर्थी तिथि है। इस चतुर्थी को बहुला चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
भगवान श्री कृष्ण ने इस चतुर्थी को गौ पूजा के दिन के रूप में मान्यता प्रदान की है। जो व्यक्ति पूरे दिन दिन व्रत रखकर संध्या के समय गाय एवं बछड़े की पूजा करता है उसे संतान सुख एवं धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत के विषय में मान्यता है कि इस दिन गाय का दूध एवं इससे बनी हुई कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए। इस व्रत से संबंधित एक बड़ी ही रोचक कथा है।
बहुला चतुर्थी व्रत कथा
जब भगवान विष्णु का कृष्ण रूप में अवतार हुआ तब इनकी लीला में शामिल होने के लिए देवी-देवताओं ने भी गोप-गोपियां का रूप लेकर अवतार लिया। कामधेनु नाम की गाय के मन में भी कृष्ण की सेवा का विचार आया और अपने अंश से बहुला नाम की गाय बनकर नंद बाबा की गोशाला में आ गई।
भगवान श्री कृष्ण का बहुला गाय से बड़ा स्नेह था। एक बार श्री कृष्ण के मन में बहुला की परीक्षा लेने का विचार आया। जब बहुला वन में चर रही थी तब भगवान सिंह रूप में प्रकट हो गए। मौत बनकर सामने खड़े सिंह को देखकर बहुला भयभीत हो गई। लेकिन हिम्मत करके सिंह से बोली, हे वनराज मेरा बछड़ा भूखा है। बछड़े को दूध पीलाकर मैं आपका आहार बनने वापस आ जाउंगी।
सिंह ने कहा कि सामने आए आहार को कैसे जाने दूं, तुम वापस नहीं आई तो, मैं भूखा ही रह जाऊंगा। बहुला ने सत्य और धर्म की शपथ लेकर कहा कि मैं अवश्य वापस आऊंगी। बहुला के शपथ से प्रभावित होकर सिंह बने श्री कृष्ण ने बहुला को जाने दिया। बहुला अपने बछड़े को दूध पीलाकर वापस वन में आ गई।
बहुला की सत्यनिष्ठा देखकर श्री कृष्ण अत्यंत प्रसन्न हुए और अपने वास्तविक स्वरूप में आकर कहा कि हे बहुला तुम परीक्षा में सफल हुई। भाद्र शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन अब से गो-माता के रूप में तुम्हारी पूजा होगी। तुम्हारी पूजा करने वाले को धन और संतान का सुख मिलेगा।