इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुआ हमला दरअसल सुनियोजित साजिश के तहत उनकी हत्या का प्रयास था। इस हमले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल की जांच रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लाहौर से इस्लामाबाद तक निकाले गए हकीकी आजादी मार्च के दौरान तीन नवंबर को वजीराबाद में उन पर हमला किया गया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान पर गोली चलाई गयी थी और उनके दाहिने पैर में गोली लगी थी। हमले के समय वह एक ट्रक पर खड़े होकर हकीकी आजादी मार्च को संबोधित कर रहे थे। इसके बाद लाहौर के पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर की अध्यक्षता में संयुक्त जांच दल का गठन किया गया था।
संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट के संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब प्रांत के गृह मंत्री उमर सरफराज चीमा ने बताया कि इमरान खान पर हमला एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया था। संयुक्त जांच दल ने अपनी जांच में पाया कि एक से अधिक हमलावरों ने हकीकी मार्च के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की कोशिश की। उन्होंने बताया कि इमरान खान पर गोली चलाने वाला नवीद प्रशिक्षित शूटर है और हमले के समय वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मौके पर मौजूद था। नवीद पॉलीग्राफ टेस्ट में भी फेल हो गया। नवीद का चचेरा भाई मोहम्मद वकास भी विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर तीन जनवरी तक संयुक्त जांच दल की हिरासत में है। वकास ने तीन नवंबर को ट्वीट किया था कि ‘आज इमरान खान की रैली में कुछ बड़ा होने वाला है।’
हमले के बाद इमरान खान ने अपनी हत्या की साजिश रचने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया था। पंजाब पुलिस ने खान पर हमले के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट में किसी भी ऐसे व्यक्ति का नाम शामिल नहीं किया गया था, जिनको इमरान खान ने हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था।