जोधपुर।। नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम बापू ने खुद को त्रिनाड़ी शूल नामक बीमारी से पीड़ित बताते हुए अपने लिए महिला वैद्य की मांग की है। उन्होंने जेल प्रशासन के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट में अर्जी भेजी है।
आसाराम के साइन वाली चिट्ठी में कहा गया है कि पिछले दो-तीन सालों से उनका इलाज नीता नामक महिला वैद्य कर रही हैं। उनके मुताबिक यह इलाज पंचकर्म की शिरोधारा विधि द्वारा किया जाता है और इसमें दो घंटे का समय लगता है। आसाराम ने अगले आठ दिनों तक जेल में नीता द्वारा उपचार कराने की अनुमति देने की गुहार लगाई है।
क्या है त्रिनाड़ी शूल?: त्रिनाड़ी शूल बीमारी को थर्ड नर्व डिजीज कहते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति को गर्दन, कंधे और सिरदर्द के अलावा चेहरे के कुछ हिस्से में तेज दर्द की शिकायत रहती है।
शिवा के मोबाइल में आसाराम की क्लिपः उधर, आसाराम के खिलाफ हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। कल कहा गया था कि उनके सेवादार शिवा के पास उनकी कोई सीडी है, लेकिन पुलिस ने साफ किया है कि फिलहाल न तो कोई सीडी मिली है और न ही इस बारे में शिवा ने कोई बयान दिया है।
जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शिवा के मोबाइल से एक विडियो क्लिप मिली है। दावा किया जा रहा है कि इस क्लिप में आसाराम लड़की के कंधे और गर्दन पर हाथ फेर रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी इसकी जांच जारी है कि कहीं कुछ विडियो क्लिप और भी तो नहीं हैं।
शिवा से की गई पूछताछ में यह बात भी सामने आ रही है कि आसाराम के प्रति छात्राओं को ‘समर्पित’ करवाने के लिए पूरा गिरोह काम करता है। इसमें छिंदवाड़ा स्थित हॉस्टल की वॉर्डन शिल्पी, आसाराम का रसोइया प्रकाश अहम भूमिका निभाते थे।
शिल्पी आसाराम के पास भेजने के लिए लड़की चुनती थी और फिर भूत-प्रेत के साये के बहाने उसे इलाज के नाम पर आसाराम के पास भेजा जाता था। इसके बाद शिवा और आसाराम के निजी अंगरक्षकों की भूमिका शुरू होती थी। फिलहाल शिल्पी और प्रकाश दोनों फरार हैं। अडिशनल ऐडवोकेट जनरल आनंद पुरोहित के मुताबिक, शिल्पी और शिवा में से किसी एक को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है।