भोपाल- मप्र में लाकडाउन के दौरान जनता घरों में बंद रही ,रोजगार न के बराबर रहा लेकिन खर्चे वही रहे ,शिवराज सिंह चौहान को अगले उप-चुनावों में जनता के सामने जाना है इस चुनाव में शिवराज सिंह का चेहरा ही आगे रहेगा ,बिजली बिल के मुद्दे पर भाजपा सरकार भारी दबाव में है ,कमलनाथ सरकार द्वारा बनाई बिजली बिल योजना से प्रदेश का प्रत्येक नागरिक लाभान्वित हुआ है,इसका फायदा कांग्रेस को निश्चित ही उप-चुनावों में मिलेगा शिवराज सिंह के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार इस योजना को आगे चालू नहीं रख पायी ,उस पर कोरोना संकट आ खड़ा हुआ इसमें जनता और सरकार दोनों आर्थिक मुसीबत में आ गए
शिवराज सिंह ने पहले बिल दो किश्तों में लेने की घोषणा की थी
जनता की स्थिति और चुनावी दबाव के चलते शिवराज सिंह चौहान ने पहली घोषणा में कहा कि जनता से बिल कि आधी राशि अभी एवं आधी बाद में ली जाएगी लेकिन सर्वे और इंटेलिजेंस कि रिपोर्ट के बाद आधा बिल लेने कि घोषणा चुनावी मजबूरी में शिवराज सिंह को करनी पड़ी
लाकडाउन के बिजली बिलों से जनता और व्यापारी हैं परेशान
लाकडाउन के दौरान रोजगार पूर्णतः ठप्प रहा ,व्यापारिक सस्थानों का अनुमानित बिजली व्यय ही लाखों रुपये प्रति माह है एक उद्योगपति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की उनका लाकडाउन का बिल 10 लाख रुपये प्रतिमाह आया है जो चार महीनों का 40 लाख होता है और अभी महीनों फैक्ट्री शुरू होने की उम्मीद नहीं है,उन्होने बताया की कैसे इसे हम अदा करेंगे ?
क्या कमलनाथ सरकार द्वारा चलायी बिजली बिल योजना भाजपा सरकार जारी रखेगी?
प्रश्न यह उठ रहा की जन-हितैषी बिजली बिल योजना से आखिर भाजपा सरकार दूर क्यों भाग रही है ?,कमलनाथ द्वारा चलाई गयी बिजली बिल योजना को जारी रखने का शिवराज सिंह चौहान सरकार का कोई इरादा देखने में नहीं आ रहा है और यही योजना भाजपा सरकार के लिए गले की हड्डी बनी हुई है। चुनावी क्षेत्रों से खबर आ रही है की जनता में इस योजना को बन्द करने से रोष उत्पन्न है,इसके चलते आनन-फानन में सरकार को अपनी नयी राहत स्कीम की घोषणा करनी पड़ी।
यह है शिवराज सिंह सरकार की नयी घोषणा
100 रूपये का बिल आने पर 50 रूपये भुगतान, 400 रूपये तक के बिल पर 100 रूपये का भुगतान,400 रूपये से अधिक बिल पर आधा भुगतान,कृषि के लिए 10 घंटे व घर के लिए 24 घंटे बिजली