भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर की जाने वाली घोषणा को दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों तक टाल सकती है।
पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्रों ने बताया कि हालांकि पार्टी में इस मुद्दे पर विचार विमर्श चल रहा है, लेकिन पार्टीजनों का मानना है कि विधानसभा चुनावों से पहले मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करना सही निर्णय नहीं होगा।
पार्टी का मानना है कि मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद दिल्ली समेत चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में किसी राज्य के फैसले अगर भाजपा के खिलाफ जाते हैं तो मोदी को इसके लिए विपक्षी दलों की आलोचना झेलनी पड़ेगी, जिससे उनकी छवि पर असर पड़ सकता है।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यदि हम चार में से दो राज्यों में चुनाव हार जाते हैं तो इसके लिए मोदी को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा, जिससे उनकी छवि पर बुरा असर पड़ेगा।
हालांकि भाजपा को कांग्रेस शासित राजस्थान में इस बार पार्टी की जीत का पूरा भरोसा है। वहीं, पार्टी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर भी आश्वस्त दिखाई दे रही है।
पार्टीजनों का मानना है कि इस बार दिल्ली में भी भाजपा की ही सरकार बनेगी। लिहाजा भाजपा इन राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा किसी भी सूरत में लोकसभा चुनावों से पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करना चाहती है।