आज सावन मास की पूर्णिमा तिथि है। माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि से सावन मास की पूर्णिमा तिथि तक अमरनाथ गुफा में विराजमान होते हैं। इसके बाद वापस कैलाश लौट जाते हैं।
इसी कारण सावन पूर्णिमा को अमरनाथ गुफा के अंतिम दर्शन होते हैं। इसके बाद एक वर्ष तक के लिए यात्रा बंद हो जाती है। इस वर्ष भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए 55 दिनों का समय मिला जो पिछले साल की मुकाबले 16 दिन अधिक रहा। यात्रा की शुरूआत 28 जून को हुई थी।
मान्यता है कि बाबा बर्फानी का विराट रूप सावन पूर्णिमा के दिन प्रकट होता है यानी हिमलिंग अपने पूर्ण आकार में होता है। लेकिन समय से पहले हिमलिंग के पिघल जाने के कारण श्रद्घालुओं को विराट हिमलिंग के दर्शन का सौभाग्य नहीं मिलेगा।