अमरनाथ धाम श्राईन बोर्ड के अनुसार इस साल अमरनाथ धाम यात्रा कुल 55 दिनों तक चलेगी। जिसमें आज पांचवां दिन है। यानी अभी कुल 50 दिनों की यात्रा बाकी है। हर दिन करीब आठ हजार लोग बाबा बर्फानी का दर्शन कर रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि अगले कुछ दिनों में पवित्र गुफा में पहुंचने वाले भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवलिंग का आकार तेजी से घट रहा है और अब यह लगभग चार फीट का रह गया है।
शिवलिंग के तेजी से पिघलने का कारण इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती गर्मी को माना जा रहा है। यह आलम तब है जबकि बीते साल के मुकाबले इस साल अमरनाथ धाम पहुचंने वाले यात्रियों की संख्या आधी है। बीते साल का आंकड़ा बताता है कि पांचवे दिन तक 70 हजार श्रद्घालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके थे जबकि इस साल महज 40 हजार लोगों ने पवित्र गुफा के दर्शन का लाभ प्राप्त किया है।
बाबा अमरनाथ, केदारनाथ और कैलाश मानसरोवर ये तीन तीर्थस्थल शिव भक्तों के लिए आस्था के केन्द्र हैं। लेकिन इस साल पहले तो केदारनाथ भक्तों से रूठे। चार धाम यात्रा शुरू होने के महज एक महीने बाद ही केदारनाथ में ऐसी तबाही आयी कि केदारनाथ में सिर्फ बाबा केदारनाथ ही बचे बाकी सब तबाह हो गए।
जब अमरनाथ यात्रा शुरू हुई तो भक्तों की आस जगी कि केदारनाथ में नहीं तो अमरनाथ में भगवान शिव दर्शन देंगे लेकिन अब शिवलिंग के पिघलने से भक्तों की यह आस भी टूट सकती है।
गौरतलब बात यह भी है कि केदारनाथ में आयी तबाही के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोकनी पड़ी क्योंकि उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर जाने वाले मार्ग में कई जगह सड़के टूट गयी हैं। जो शिव भक्त कैलाश पहुंचकर शिव के दर्शन का लाभ पाना चाहते थे भगवान शिव की नाराजगी के कारण उन्हें भी निराश होना पड़ रहा है।