भोपाल :राज्य शासन ने 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों को अनाधिकृत अनुपस्थिति का दोषी मानने और इसमें शामिल होने वालों की इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस मान्य करने के आदेश जारी किए हैं। राज्य शासन द्वारा ‘एस्मा’ लागू कर दिया गया है। उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध प्रावधानों के अनुरूप कठोर कार्रवाई की जायेगी।
स्वास्थ्य विभाग के सभी संयुक्त संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सभी सिविल सर्जन को भेजे निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं को आवश्यक सेवा संधारण अधिनियम 1980 (एस्मा) के अंतर्गत अत्यावश्यक सेवाओं के रूप में चिन्हित किया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 6 और 7 के प्रावधानों के मुताबिक शासकीय सेवकों द्वारा प्रदर्शन, हड़ताल में सम्मिलित होना तथा बिना पूर्व स्वीकृति के अवकाश पर जाने को प्रतिबंधित किया गया है। मध्यप्रदेश मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन तथा अन्य संगठन द्वारा 31 जनवरी 2014 को सामूहिक अवकाश पर प्रस्थित होने का निर्णय भी शासन के निर्देशों के सर्वथा विपरीत है। जनहित में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को निर्विघ्न रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए आयुष चिकित्सकों और निजी चिकित्सकों की सेवाएँ ली जाएंगी।