नई दिल्ली : पाकिस्तान की संसद में अफजल गुरु को फांसी देने के मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव पारित करने के मुद्दे पर भारत ने कड़ा एतराज जताया है। शुक्रवार को संसद में पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके बाद भारत ने पाक को कड़ी चेतावनी दी है।
इससे पहले, पाकिस्तान के दखल को लेकर लोकसभा में हंगामा हुआ। संसद हमले के दोषी रह चुके अफजल गुरु पर पाकिस्तान की दखल के खिलाफ बीजेपी ने संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव दिया।
लोकसभा ने आज एक मत से संसद पर आतंकवादी हमले के दोषी अफजल गुरू के बारे में पाकिस्तानी असेम्बली द्वारा पारित प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत के अंदरूनी मामलों में किसी भी ओर से, किसी भी तरह के हस्तक्षेप का पूरी दृढ़ता और एकता से जवाब दिया जाएगा।
अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस संदर्भ में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह सदन भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप को अस्वीकार करता है और पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली से कहता है कि वह उग्रवादी और आतंकी तत्वों को समर्थन करने वाले ऐसे कृत्यों से बाज आए। प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन दोहराता है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र सहित पूरा जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा। इसमें चेतावनी दी गयी कि किसी भी ओर से भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के प्रयास का हमारा देश पूरी दृढ़ता और पूरी एकता के साथ जवाब देगा।
प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन पाकिस्तान के राष्ट्रीय असेम्बली द्वारा 14 मार्च 2013 को पारित प्रस्ताव को पूर्णत: अस्वीकार करता है। सदन इसका संज्ञान लेता है कि पाकिस्तान ने यह प्रतिबद्धता जतायी थी कि वह अपनी भूमि का भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहंी होने देगा और इस प्रतिबद्धता को पूरा करना ही पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंधों का आधार हो सकता है। पूरे सदन ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
इससे पहले, भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेम्बली द्वारा अफजल गुरू के बारे में पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए इसे भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप बताया था।
उधर, राज्यसभा में वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि अफजल मामले में पाकिस्तान ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। निंदा प्रस्ताव पारित करके पाक ने आतंक पर मुहर लगा दी है। ऐसे हालात में भारत को पाक से अब कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश नीति पर विचार होना चाहिए और सरकार को यह भी तय करना चाहिए कि पाकिस्तान से कैसे निपटा जाए।