आतंकवादी संग्ठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया है।
भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक, सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को दिल्ली पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया। टुंडा की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब एक खाड़ी देश ने उसे अपने यहां से वापस भेज दिया।
टुंडा पर देश में हुए 40 से अधिक बम विस्फोट मामलों की साजिश रचने का आरोप है। 70 वर्षीय टुंडा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कुशल बम निर्माता था। वर्ष 1996 में उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस आज उसे अदालत में पेश करेगी। टुंडा की गिरफ्तारी को एक बड़ी सफलता बताते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि उससे पूछताछ में देश में लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों के बारे में पता चल सकेगा।
फिलहाल टुंडा की गिरफ्तारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन समझा जाता है कि उसे किसी खाड़ी देश से वापस भेजे जाने के बाद उसकी गिरफ्तारी भारत नेपाल सीमा से हुई।
टुंडा, दाऊद और हाफिज सईद का करीबी है। वह 1996 से 1998 के बीच भारत में अलग-अलग जगहों पर हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड रह चुका है। इतना ही नहीं 2000 से 2005 तक माना जाता था कि टुंडा मर चुका है, लेकिन 2005 में लश्कर के चीफ कॉर्डिनेटर अब्दुल रजाक मसूद ने गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया था कि टुंडा अभी भी जिंदा है। उसने खुलासा किया था कि टुंडा जिंदा है और उसकी पत्नी और दो बच्चे भी हैं।