आरुषि-हेमराज मर्डर केस में डिफेंस के सवाल का जवाब देते हुए सीबीआई एएसपी एजीएल कौल ने कत्ल वाली रात की पूरी दास्तां बयां कर दी।
कौल का कहना था कि आरुषि-हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर राजेश तलवार ने हेमराज पर गोल्फ स्टिक से वार किया।
एक वार में ही हेमराज एक ओर लुढ़क गया, जबकि दूसरे वार में स्टिक आरुषि के माथे पर जा लगी। इसी से उसकी मौत हो गई।
राजेश तलवार आधी रात को हुए दोनों कत्ल के बाद सुबह तक न केवल सबूत मिटाता रहा, बल्कि बीच-बीच में बिना पानी के बेलेंटाइन व्हिस्की पीता रहा।
एक टिप्पणी पर जिरह के दौरान डिफेंस और अभियोजन के अधिवक्ताओं में बहस भी हुई। सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक आरके सैनी और बीके सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे।
इस दोहरे हत्याकांड के मुख्य जांच अधिकारी एजीएल कौल ने डिफेंस की चौथे दिन की जिरह के दौरान यह बयान कोर्ट को दिया।
उनका कहना था कि मेरी विवेचना के अनुसार 15/16 मई 2008 की आधी रात को डा. राजेश तलवार अपने कमरे में जागे हुए थे।
इसी बीच उन्होंने अपने फ्लैट में कुछ आवाज सुनी। लॉबी से होते हुए वे हेमराज के कमरे तक गए। हेमराज वहां नहीं था। वहां रखी दो गोल्फ स्टिक में से एक को उठाया और आरुषि के कमरे की ओर बढ़ गए।
आरुषि के कमरे का दरवाजा बंद नहीं था, सिर्फ भिड़ा हुआ था। उन्होंने दरवाजा खोला तो पाया कि आरुषि-हेमराज आपत्तिजनक स्थिति में थे। तब डा. राजेश तलवार ने हेमराज के सिर पर गोल्फ स्टिक से वार किया।
दूसरा वार करने पर हेमराज का सिर शिफ्ट हो गया तो गोल्फ स्टिक आरुषि के माथे पर लगी।
डा. तलवार ने कई बार वार किया तो आवाज से नूपुर तलवार भी जाग गई और आरुषि के कमरे में पहुंच गई। तब तक सिर में लगी चोट से हेमराज बेड से नीचे गिर गया था।
तलवार दंपति ने आरुषि की नब्ज देखी तो उसे मृत पाया। घबराकर दोनों ने वहीं पर प्लान किया कि हेमराज का कत्ल कर दिया जाए, उसकी लाश को छिपा दिया जाए। फिर समय मिलते ही उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया जाए।
इसी आशय से दोनों अभियुक्तों ने हेमराज को एक चादर में डाला और घसीटकर उसे सीढ़ियों से छत तक ले गए। छत के एक कोने में धारदार छोटे हथियार से उसका गला चीर दिया।
इसके बाद छत पर रखे कूलर का पैनल निकालकर हेमराज की लाश के ऊपर रख दिया। डबल चादर को उन्होंने दो छतों के बीच के जंगले में डाल दिया और छत वाले दरवाजे में अंदर की ओर से ताला लगा दिया।
मुलजिमों ने आरुषि के अस्त-व्यस्त हो चुके सामान और खिलौनों को उसके बिस्तर पर ठीक से रखा। बिस्तर पर बिछी चादर की सिलवटें ठीक की और मर चुकी आरुषि का गला भी धारदार हथियार से काट दिया।
डा. नूपुर ने आरुषि के प्राइवेट पार्ट को साफ किया और उसे अंडर वियर व पायजामा पहनाया। जहां-जहां खून गिरा हुआ था, वहां सफाई की। इंटरनेट के राउटर से छेड़छाड़ की।
अपने खून सने कपडे़ और जिस चादर में हेमराज की लाश घसीटकर ले गए थे और वह कपड़ा, जिससे खून साफ किया गया था, को एक साथ इकट्ठा किया ताकि सुबह उन्हें डिस्पोज किया जा सके।
छोटा धारदार हथियार भी उन्हीं कपड़ों के साथ रख दिया गया। जिस गोल्फ स्टिक से मारा गया था, उसे साफ करके आरुषि के कमरे के सामने बनी दुछत्ती में छिपा दिया। सबसे बाहर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया गया।
बीच के लोहे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इसके बाद दोनों हेमराज के कमरे से होते हुए अंदर चले आए। इस कार्यवाही के दौरान राजेश तलवार बीच-बीच में बेलेंटाइन व्हिस्की बिना पानी के पीता रहा।
सुबह होने से पूर्व ही खून सने कपडे़ और धारदार हथियार बाहर ले जाकर छिपा दिए गए और वापस फ्लैट में आकर 6 बजने का इंतजार करने लगे।
सुबह जब नौकरानी भारती ने आकर फ्लैट की घंटी बजाई तो नूपुर तलवार ने लकड़ी वाला दरवाजा जोकि लोहे के दरवाजे के पास लगा है, को खोला और वहीं से पूछा कि हेमराज कहां है?
इसके बाद नूपुर हेमराज के कमरे में गई और वहां से चाबी का गुच्छा लेकर आई। बीच के लोहे के दरवाजे को चाबी से खोलने का प्रयास किया, फिर भारती से कहा कि वह बालकनी से चाबी नीचे फेंक रही है।
फ्लैट के अंदर आने पर भारती ने तलवार दंपति को रोते हुए पाया। नूपुर ने भारती से कहा कि देखो हेमराज क्या कर गया है। इसके बाद नूपुर भारती को आरुषि के बेडरूम में ले गई।
विवेचना के दौरान पकड़ में आई थी गलती
गवाह का यह भी कहना था कि कृष्णा के कमरे से बरामद परपल कलर के तकिया कवर में हेमराज का डीएनए मिलना टाइपिंग की गलती से दिखाया गया।
विवेचना के दौरान गलती पकड़ में आ गई थी, मगर चुप इसलिए रहे कि जब विशेषज्ञ कोर्ट में बयान देने आएगा तो वह स्वयं ही अपनी गलती के बारे में बता देगा।