श्रीनगर, 13 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1ए पर दुर्घटना में घायल अमरनाथ तीर्थ यात्रियों को बचाने के लिए स्थानीय मुस्लिमों ने बुधवार को अपनी जान जोखिम में डाल कर कर्फ्यू को धता बताए और उन्हें अस्पताल पहुंचाए।
अमरनाथ तीर्थ यात्रियों को ले जा रही एक मिनी बस अनंतनाग जिले में बिजबेहरा शहर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें बस चालक की मौत हो गई। चालक की मौत के साथ राजमार्ग पर मरने वालों की संख्या बढ़ कर दो हो गई है।
इससे पहले हुई दुर्घटना में एक तीर्थयात्री की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
हाल में कश्मीर घाटी में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत पर मातम मना रहे बिजबेहरा शहर के स्थानीय लोगों ने दुर्घटना स्थल पर जाने के लिए अपने निजी दुख और कर्फ्यू की अनदेखी की और घायल तीर्थ यात्रियों को बचाया।
एक चश्मदीद ने आईएएनएस से कहा, “स्थानीय मुसलमान अपने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल ले गए। कुछ लोगों ने तो घायलों को श्रीनगर स्थित अस्पताल भी ले गए।”
एक बड़े आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या के बाद विगत चार दिनों से हिंसा का दंश झेलने के बावजूद बिजबेहरा के स्थानीय लोगों के भाव अनुकरणीय थे। घाटी में हिंसा के दौरान 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 33 आम नागरिक और एक पुलिसकर्मी शामिल थे।
हिंसा में मारे गए 34 लोगों में 32 लोग दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों के रहने वाले थे जबकि एक-एक व्यक्ति श्रीनगर और कुपवाड़ा जिले के रहने वाले थे।
एक दिन पहले बिजबेहरा शहर में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी और बुधवार को भी शहर में भारी तनाव है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हिंसा फैली होने के बावजूद स्थानीय लोगों ने मानवता की पुकार की अनदेखी नहीं की।