नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ‘ठुल्ला’ शब्द का अर्थ समझाने के लिए कहा, जिसे उन्होंने एक टेलीविजन चैनल पर चर्चा के दौरान पुलिसकर्मियों के लिए इस्तेमाल किया था।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने केजरीवाल को गुरुवार को निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट प्रदान की। पुलिसकर्मी अजय कुमार तनेजा ने मानहानि का एक आपराधिक मुकदमा दायर किया था, जिसपर निचली अदालत ने उन्हें सम्मन जारी किया था।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त मुकर्रर की। निचली अदालत ने केजरीवाल को सम्मन जारी करते हुए कहा था कि केजरीवाल का बयान प्रथम दृष्ट्या मानहानि का है और उन्हें 14 जुलाई को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि आप नेता को ‘ठुल्ला’ शब्द का अर्थ समझाना चाहिए, क्योंकि हिंदी के शब्दकोष में इस शब्द का उल्लेख नहीं है।
न्यायालय ने कहा, “यदि आप (केजरीवाल) किसी के लिए यह शब्द (ठुल्ला) इस्तेमाल करते हैं, तो आपको इसका मतलब पता होना चाहिए। आपको न्यायायालय को इस शब्द का अर्थ समझाना चाहिए।”
केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील एन.हरिहरण ने कहा कि ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल सभी पुलिसकर्मियों के लिए नहीं, बल्कि गलत काम करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा, “इस शब्द का कोई मतलब नहीं है, इसलिए यह मानहानि से संबंधित नहीं है।”
न्यायालय ने तनेजा को भी नोटिस जारी की और उनका जवाब मांगा।
बीते साल 23 जुलाई को अपनी शिकायत में तनेजा ने दावा किया था कि केजरीवाल ने एक समाचार चैनल पर पुलिसकर्मियों के लिए ‘अपमानजनक’ शब्द का इस्तेमाल किया।