श्रीनगर, 13 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को डोगरा शासन के खिलाफ 1931 के संघर्ष में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए लोगों से घाटी में शांति की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं सभी से शांति बहाल करने की अपील करती हूं, ताकि कोई और जान न जाए।”
महबूबा ने कहा कि बीते शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान बानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों और उग्र भीड़ के बीच हिंसक झड़प में हुई लोगों की मौत दुखदायक है, लेकिन किसी चीज को वापस नहीं लाया जा सकता।
महबूबा ने कहा, “मैं काफी दुखी हूं और मेरा यह दुख उन परिवारों के सामने कुछ भी नहीं है, जिन्होंने अपनों को खोया है।”
कड़ी सुरक्षा के बीच महबूबा पुराने श्रीनगर के नकाशबंद इलाके में स्थित कब्रिस्तान पहुंचीं, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
कश्मीर घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद व्याप्त तनाव के मद्देनजर बुधवार को पांचवें दिन भी यहां कर्फ्यू जारी है। सुरक्षा बलों और नाराज लोगों के बीच झड़प में अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है।
महबूबा ने उन शहीदों की कब्र पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी, जो 1931 में श्रीनगर शहर में केंद्रीय कारा के बाहर डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोली से मारे गए थे।
गौरतलब है कि 13 जुलाई, 1931 को बड़ी संख्या में लोग श्रीनगर स्थित केंद्रीय कारा पहुंच गए थे, जहां एक ब्रिटिश अधिकारी के अफगान रसोइये अब्दुल कादिर खान के खिलाफ मुकदमा चल रहा था।
कादिर को कश्मीरियों के पक्ष में भड़काऊ भाषण देने के लिए गिरफ्तार किया गया था।