नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्र ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि केबल ऑपरेटर ऐसे टीवी चैनलों का प्रसारण न करें, जिन्हें जाकिर नाइक के ‘पीस टीवी’ जैसे भारत में ‘डाउन लिंक’ करने की अनुमति नहीं है।
केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से राज्यों को परामर्श जारी किया गया है। केंद्र ने घोषणा की कि विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के ‘पीस टीवी’ पर भाषणों से संबंधित सभी मामलों की जांच की जा रही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा, “जाकिर नाइक ने साल 2008 औा 2009 में टीवी चैनल के लिए आवेदन किया था जिसे खारिज कर दिया गया।
अब यह उजागर हुआ है कि खास लोग अनाधिकृत रूप से नियमों का उल्लंघन करते हैं और उसके भाषणों का प्रसारण और डाउनलोड करते हैं। जो कुछ भी अनाधिकृत है, उसके खिलाफ मेरी ओर से कार्रवाई की जाएगी।”
मंत्रालय की ओर से राज्यों के मुख्यसचिवों और जिलाधिकारियों को जारी परामर्श में कहा गया, “यह ध्यान देने योग्य है कि कोई भी प्रसारण या केबल ऑपरेटरों द्वारा इस तरह के अवैध चैनलों के संचारण को रोकने के संबंध में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।”
नायडू ने यह भी कहा कि अनाधिकृत विषयों के प्रसारण के लिए कार्रवाई की जाएगी।
खबरों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि पीस टीवी जैसे निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों के माध्यम से सांप्रदायिक और आतंकी हिंसा उकसाने वाले विषयों के प्रसारण हो रहे हैं। परामर्श में राज्यों से कहा गया कि इस तरह के प्रसारण को देश में डाउनलिंक करने की अनुमति मंत्रालय ने नहीं दी है।
यह कहा गया कि इस तरह के विषयों का प्रसारण कार्यक्रम संहिता के तहत केबल टीवी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
दो पृष्ठ के परामर्श में कहा गया कि नियमों का उल्लंघन होने पर जिले में अधिकृत अधिकारियों द्वारा इन चैनलों का प्रसारण रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
परामर्श के अनुसार, अन्य दंडात्मक प्रावधानों के अलावा जिला प्राधिकारियों द्वारा ऐसे केबल ऑपरेटरों के उपकरण जब्त किए जा सकते हैं।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पीस टीवी को भारत में प्रसारण की आवश्यक अनुमति नहीं है। बावजूद इसके कुछ केबल ऑपरेटर इसका प्रसारण करते हैं।
परामर्श में कहा गया, “केबल अधिनियम के उल्लंघन में किसी चैनल के प्रसारण या पुन: प्रसारण एक अपराध है जो अधिकृत अधिकारियों द्वारा केबल ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई आकर्षित करता है।
केबल अधिनियम के अनुसार, अगर कोई अधिकृत अधिकारी को यह विश्वास करने लिए कारण हैं कि किसी केबल ऑपरेटर ने अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है तो ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उसके पास अधिकार है।”