इस्लामाबाद, 10 जुलाई (आईएएनएस)। गैर सरकारी संगठन ईदी फाउंडेशन के संस्थापक और पाकिस्तानी समाजसेवी अब्दुल सत्तार ईदी का सोयेम (धार्मिक संस्कार) कराची में कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को संपन्न हुआ।
दैनिक अखबार ‘डॉन’ की वेबसाइट के अनुसार, सोयेम एक इस्लामिक संस्कार है, जो मृतक के दफनाने के तीन दिनों बाद किया जाता है।
डॉन के अनुसार, ईदी के पुत्र फैसल ईदी ने कहा कि ईदी के लिए सुबह 9.30 बजे कुरान का पाठ शुरू हुआ। गत शुक्रवार की रात कराची के एक अस्पताल में 88 वर्षीय ईदी का निधन हुआ था।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों में पाकिस्तान के तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता आरिफ अलवी समेत कई बड़े राजनीतिज्ञ उपस्थित थे।
धार्मिक संस्कार के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
अधिकांश लोग ईदी को पाकिस्तान के ‘मदर टेरेसा’ के रूप में इज्जत देते थे। वे पाकिस्तान की सबसे बड़ी कल्याणकारी संस्था के सूत्रधार थे और केवल निजी चंदों के जरिए प्राय: अकेले दम पर इसका संचालन किया करते थे।
ईदी के गुर्दे साल 2013 में खराब हो गए थे और कमजोर स्वास्थ्य के कारण उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण नहीं हुआ था।
कराची के नेशनल स्टेडियम में शनिवार को आयोजित ईदी के नमाज-ए-जनाजा में हजारों लोगों ने भाग लिया, जिनमें बड़े राजनेता और बड़े अधिकारी शामिल थे। पाकिस्तानी सेना ने उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया था।
उनके पार्थिव शरीर को ईदी गांव लाया गया, जहां उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें उस कब्र में दफनाया गया, जिसे उन्होंने 25 साल पहले अपने लिए खोदी थी। सुपूर्द-ए-खाक होने के समय पहनने के लिए अपने कपड़े भी उन्होंने खुद सिले थे।
समाजसेवी का जन्म सन् 1929 में गुजरात में हुआ था। विभाजन के समय 1947 में वे पाकिस्तान आए थे। साल 1951 में उन्होंने ईदी फाउंडेशन की स्थापना की थी।
नोबेल पुरस्कार के लिए उन्हें अनेक बार नामित किया गया है और फिर इस साल सूची में उनका नाम है।