रोहतक। भोले बाबा के भक्तों के लिए सावन का महीना खुशियां लेकर आता है क्योंकि सावन माह में शिव शंकर भगवान की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं प्राचीन शिव मंदिरों में तो बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है।
ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर में बाबा के भक्तों का इन दिनों जन सैलाब उमड़ा हुआ है। भोले बाबा के ज्योर्तिलिंग पर माथा टेकने वालों की कमी नहीं है क्योंकि यह प्राचीन ज्योर्तिलिंग मंदिर की स्थापना के समय का है और इस पर भक्तों की अगाध श्रद्धा है। माना जाता है जो कोई भी बाबा के इस लिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
मंदिर का निर्माण सन 1948 में स्वामी गुरुचरण दास ने किया था। तभी से लेकर शिवजी का ज्योर्तिलिंग भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर रहा है। मंदिर के पंडित विष्णु प्रसाद शास्त्री ने बताया कि शिवरात्रि को भोले बाबा अपने परिवार सहित चारों पहर सृष्टि का भ्रमण करते है और अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते है। इसके साथ ही सावन माह में बाबा की विशेष पूजा की जाती है और भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि मंदिर में सुबह के समय बाबा की विशेष आरती की जाती है। बाबा के लिंग को आरती से पहले पंचामृत से नहलाया जाता है। इसके साथ ही शाम छह बजे बाबा का पोडषोपचार पूजन, रात्रि नौ बजे दही से अभिषेक, रात्रि बारह बजे दूध के साथ अभिषेक व अंतिम अभिषेक सुबह तीन बजे करें। मंदिर में बाबा का लिंग काले रूप में है जो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करता है।