दिल्ली। आईबीएन7 और सीएसडीएस का सर्वे बताता है कि मध्यप्रदेश में शिवराज का झंडा बुलंद है। 75 फीसदी मतदाता शिवराज सरकार से खुश हैं और अगर अभी लोकसभा चुनाव हो जायें तो बीजेपी को 21 से 25 सीटें मिल सकती हैं। जबकि कांग्रेस का आंकड़ा ज्यादा से ज्यादा छह सीटों तक पहुंच सकता है। सर्वे से ये भी साबित होता है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के आगे नरेंद्र मोदी की चमक फीकी है।
दरअसल विवादों से दूर, आम घर से आया और आम आदमी की चिंता करने वाला राजनेता यानी शिवराज सिंह चौहान। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान की ये छवि लोकसभा चुनाव में भी गुल खिला सकती है। आईबीएन7 और सीएसडीएस का सर्वे बताता है कि वे लोगों का दिल जीतने में कामयाब हुए हैं। अगर अभी लोकसभा चुनाव हों तो मध्य प्रदेश में बीजेपी को 50 फीसदी वोट मिल सकते हैं। जो पिछले चुनाव से सात फीसदी ज्यादा हैं। वहीं कांग्रेस के वोटों में करीब 8 फीसदी की कमी आई है। उसे सिर्फ 32 फीसदी लोगों का समर्थन हासिल होगा। बीएसपी को भी छह फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं अन्य के खाते में 12 फीसदी वोट जा सकते हैं जो पिछले चुनाव के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा हैं। मध्य प्रदेश में 15 फीसदी मतदाता ऐसे भी हैं जिन्होंने अभी किसी भी पार्टी के पक्ष में नहीं हैं, यानी अनिर्णय की स्थिति में हैं।
सर्वे में मिले नतीजों से सीटों का भी अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक अभी लोकसभा चुनाव हों तो मध्य प्रदेश में बीजेपी को 21 से 25 सीटें तक मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा दो से छह के बीच रह सकता है। बीएसपी को भी चार सीट तक हासिल हो सकती है। वहीं अन्य की झोली खाली रह सकती है। सर्वे के दौरान लोगों से सवाल पूछा गया कि किसकी सरकार बेहतर लगी। शिवराज की या फिर दिग्विजय सिंह की। जवाब में 75 फीसदी मतदाताओं ने शिवराज सरकार के 10 साल को बेहतर बताया। सिर्फ 8 फीसदी लोगों ने कहा कि दिग्विजय सरकार के 10 साल बेहतर थे। 5 फीसदी ऐसे भी हैं जो दोनों ही सरकारों को बेहतर बता रहे हैं जबकि चार फीसदी की नजर में दोनों ही खराब हैं। वहीं 8 फीसदी मतदाताओं ने कोई राय नहीं दी।