उन्होंने कहा कि पूरे दिन इमामबाड़े के सामने फिल्म फिल्म की शूटिंग की तैयारियां की जाती रहीं, क्या इसकी खबर किसी को नहीं थी।
मौलाना ने कहा कि जिस समय रोजा खोलने के बाद वह मौके पर पहुंचे, इमामबाड़े की सारी बत्तियां बुझी हुई थीं, इसलिए शूटिंग की अनुमति सोची-समझी साजिश के तहत दी गई।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन और डीएम ने जनता को उग्र और उत्साहित किया था, इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो।
मौलाना जव्वाद ने कहा कि इमामबाड़े की पवित्रता के उल्लंघन के मुद्दे पर और धार्मिक स्थलों पर फिल्म की शूटिंग के लिए ट्रस्ट प्रशासन, डीएम और पुलिस परशासन पर प्राथमिकी होनी चाहिए।
मौलाना ने कहा कि छोटे इमामबाड़े के अंदर मौजूद 200 साल पुराने बहुमूल्य और मजबूत खम्भों को काट दिया गया, जिन्हें अभी भी वहां देखा जा सकता है कि वे कितने मजबूत हैं। इसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
मौलाना ने कहा कि सौंदर्यीकरण के नाम पर इमाम बाड़ों के मूल रूप को बदला जा रहा है और धार्मिक स्थलों को मनोरंजन स्थल बनाने की साजिश की जा रही है। इस साजिश को किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा।