सहायक शासकीय अधिवक्ता निर्मल कुमार चौधरी ने बताया कि एफटीसी जज नीलू मोघा ने दुष्कर्मी को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाते हुए सात हजार रुपये जुर्माना का भी आदेश दिया है।
चौधरी ने कहा कि धौराहरा कोतवाली क्षेत्र की निवासी विवाहिता 28 दिसम्बर, 2008 को सुबह 9.00 बजे गांव के बाहर शौच के लिए गई थी। लौटते समय उसे रामकिशोर निवासी धरमुनियापुर ने दबोच लिया।
चौधरी ने कहा कि रामकिशोर उसे बाग मंे खींच ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। विवाहिता छूट कर घर आई और उसने अपनी सास को पूरी कहानी बताई। परिजन उसे लेकर थाने गए। लेकिन पुलिस ने रपट दर्ज नहीं की। तब पीड़िता डीएम के सामने पेश हुई। डीएम के आदेश पर उसकी डाक्टरी हुई। एसपी के आदेश पर पांच जनवरी, 2009 को प्राथमिकी दर्ज हुई।
अधिवक्ता ने बताया कि सुनवाई के दौरान मामले को साबित करने के लिए अदालत ने पीड़िता, उसकी सास अनीता, ससुर रामलखन, एसआई योगेन्द्र मलिक और डॉ. मीनाक्षी के बयान दर्ज कराए। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।