पटना, 12 जून (आईएएनएस)। बिहार में वंचित वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग संस्थान ‘सुपर 30’ के 28 छात्र इस साल अत्याधिक प्रतिस्पर्धी आईआईटी-जेईई में सफल रहे। यह जानकारी संस्थान के निदेशक ने रविवार को दी।
सफल उम्मीदवार दैनिक मजदूर, सीमांत किसान और प्रवासी मजदूरों के बच्चे हैं।
‘सुपर 30’ के संस्थापक-निदेशक आनंद कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हम खुश हैं कि इस साल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में हमारे 30 में से 28 सफल रहे। इसका श्रेय छात्रों की कड़ी मेहनत और शिक्षकों को जाता है।”
संस्थान के निदेशक ने कहा कि इस साल आईआईटी-जेईई के परिणामों ने एक बार फिर इस सच्चाई को रेखांकित किया है कि उचित अवसर मिलने पर गरीब परिवारों के छात्र भी प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में पहुंच सकते हैं।
संस्थान गरीब परिवारों के बच्चों का चयन करता है और उन्हें मुफ्त कोचिंग, भोजन और रहने की सुविधा देता है ताकि वे अपना ध्यान केवल आईआईटी-जेईई में सफल होने पर केंद्रित करें।
एक दशक पहले आनंद कुमार और बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने मिलकर सुपर 30 कोचिंग संस्थान शुरू किया था। बाद में अभयानंद संस्थान से अलग हो गए।
‘टाइम्स’ पत्रिका की सूची ‘बेस्ट ऑफ एशिया 2010’ में सुपर 30 को शामिल किया गया था।
सुपर 30 कोचिंग में प्रवेश पाने के लिए गरीब परिवार के छात्रों को एक प्रतियोगिता परीक्षा पास करनी होती है और इसके बाद रोज उन्हें 16 घंटे तक पढ़ाई के लिए प्रतिबद्ध रहना पड़ता है।