वृंदावन। गुरुपूर्णिमा के साथ शुरू हो रहे सावन के महीने से पहले ही श्रद्धालुओं का वृंदावन आना शुरू हो चुका है। प्राचीन सप्तदेवालयों के अलावा अनेक मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का दवाब देखा जा रहा है।
महीनेभर चलने वाले धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत करने आये यह श्रद्धालु पूरे महीने शहर में प्रवास करेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ देख शहर के व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं, तो मंदिरों के आसपास अस्थाई व्यापारियों ने अपनी दुकानें सजाना शुरू कर दिया है। सावन के महीने में भले ही भगवान भोलेनाथ की आराधना का महीना माना जाता हो। किंतु वृंदावन में सावन के महीने में मंदिरों में बड़े-बड़े धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते हैं। पूरे महीने हिंडोले में विराजमान ठाकुरजी अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, तो आश्रम-मठों में रासलीला, रामलीला, चैतन्य महाप्रभु की लीला, झूलनोत्सव के अलावा श्रीमद्भागवत पाठ और श्रीराम कथा के आयोजन भी जगह-जगह होते हैं। ऐसे में महीनेभर चलने वाले इन धार्मिक आयोजनों का आनंद उठाने के लिए विश्वभर के कृष्णभक्त श्रद्धालु वृंदावन में प्रवास करने की इच्छा से आते हैं।
गुरुपूर्णिमा से शुरू होने वाले धार्मिक अनुष्ठान श्रवणी पूर्णिमा (रक्षाबंधन पर्व) तक निरंतर जारी रहते हैं। सप्तदेवालयों के अलावा ठा. बांकेबिहारी मंदिर, गोपेश्वर मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर सहित शहर में स्थित लगभग पांच हजार मंदिरों में सोने चांदी व पुष्पों के हिंडोले में विराजमान होकर ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे।
स्वर्ण रजत हिंडोले में एकदिन दर्शन देंगे बांकेबिहारी-
सावन के महीने में विश्वप्रसिद्ध ठा. बांकेबिहारीजी महाराज हरियाली तीज के दिन ही स्वर्ण-रजत जड़ित हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दिन बांकेबिहारी के दर्शन करने को लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर पहुंचेगा।