जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बीएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों के मारे जाने की घटना के विरोध में कानून व्यवस्था की समस्या होने की आशंका के चलते अलगाववादी संगठनों की प्रदर्शन करने की योजना को नाकाम करने के मकसद से घाटी के प्रमुख कस्बों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीती रात पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया। इस बैठक में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई। सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर, बडगाम, गंदेरबल और बांदीपोरा जिलों तथा शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग, बिजबहेड़ा और सोपोर में कर्फ्यू लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि घाटी के शेष इलाकों में आपराधिक आचार संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसके अनुसार किसी स्थान पर चार से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं हो सकते। उन्होंने बताया कि अलगाववादियों द्वारा प्रदर्शन और लाल चौक की ओर मार्च करने का आहवान करने के बाद कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए ऐहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है।
जेकेएलएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने गोलीबारी की घटना के विरोध में लाल चौक तक मार्च करने का आहवान किया था। घाटी में कल मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं और आज दूसरे दिन भी ये बंद रहीं। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने रामबन की घटना के विरोध में तीन दिनों की हड़ताल का आहवान किया है।
रामबन जिले में एक इमाम के साथ बीएसएफ द्वारा कथित तौर पर र्दुव्यवहार किए जाने के विरोध में कल बड़ी संख्या में लोग बल के एक शिविर के सामने एकत्र हो गए थे। भीड़ पर सुरक्षा कर्मियों की गोलीबारी में चार लोगों की कथित तौर पर मौत हो गई थी।
रामबन जिले में गोलीबारी की घटना के बाद फैले तनाव के मद्देनजर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज यातायात लगातार दूसरे दिन बंद रहा। यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सवारी ढोने वाले वाहनों के यातायात को ऐहतियातन बंद कर दिया गया है।
रामबन, रामसू और बानिहाल में विरोध प्रदर्शनों के मददेनजर कल इस राजमार्ग पर यातायात को बंद किया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि फंसे वाहनों को कल शाम छह बजे कर्फ्यू लगाए जाने के बाद अपने गंतव्य की ओर जाने की इजाजत दी गई, लेकिन आज किसी वाहन को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिली।
अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए ही यातायात को फिर से शुरू करने का फैसला किया जाएगा। रामबन में बीएसएफ के शिविर से बाहर जमा हुई भीड़ पर सुरक्षा बलों की ओर से की गई गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे। यह भीड़ बीएसएफ बलों की ओर से एक इमाम के साथ कथित तौर पर र्दुव्यवहार किए जाने का विरोध कर रही थी।