देहरादून। उत्तराखंड में मची तबाही को एक महीना पूरा हो चुका है। केदारनाथ मंदिर में हुए नुकसान की जांच कर रही पुरातत्व विभाग की टीम ने मंदिर में हुए नुकसान पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि मंदिर की तबाही के बाद दिवारों में दरारे पड़ गई हैं। रिपोर्ट में आया है कि मंदिर स्थित लिंग को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन उसके आस पास दरारे देखने को मिल रही है। सरकार ने जांच के साथ-साथ एएसआई विभाग को ही मंदिर की मरम्मत की जिम्मेदारी भी सौंप दी है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जाने के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता बनाने की योजना बना रही है। जिस रास्ते का काम सितंबर के अंत तक या अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आई तबाही ने इन धामों तक पहुंचने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। हालांकि पहले कहा जा रहा था कि इस त्रासदी का मंदिर परिसर पर कोई असर नहीं हुआ है बस आस-पास के इलाके ही तहस नहस हुए थे, लेकिन रिपोर्ट में दिखाया गया है कि मंदिर के अंदर भी दरारे हैं और वहां कई पत्थर भी पाए गए हैं।
तबाही के बाद मंदिर की जांच के लिए गई पुरातत्व विभाग की टीम के मुताबिक भूस्खलन के बाद मंदिर में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। मंदिर के पश्चिमी दरवाजे पर बड़े पत्थरों ने चोट पहुंचाई है। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में भी पत्थर जमा है। मंदिर के आसपास अब भी 2 से 6 फीट मलबा है। मलवा रहने की वजह से ये कहना मुश्किल है कि मंदिर को कितना नुकसान पहुंचा है और उसकी मरम्मत को कितना वक्त लगेगा।
सरकार ने नुकसान का जायजा लेने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग के तीन अफसरों की एक टीम 11 जुलाई को केदारनाथ मंदिर भेजी थी। इस टीम ने मंदिर की जो तस्वीरें जमा की थीं, उससे भी केदारनाथ में हुए नुकसान का साफ पता लगा।