शिव, विष्णु, लक्ष्मी और अन्य देवताओं की पूजा तो अपने बहुत देखी होगी। लेकिन मंदिर में भगवान की तरह मोटरसाईकिल की पूजा होते शायद ही कभी देखी होगी। राजस्थान से अहमदाबाद जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पाली नामक एक स्थान है।
जहां से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर रोहित थाना क्षेत्र में एक मंदिर है। इस मंदिर में मोटरसाइकिल की पूजा होती है। थाने का जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मोटरसाईकिल भगवान की पूजा की शुरूआत पुलिस वालों ने ही की थी।
इस मंदिर में एक पुरानी 350 सी सी की बुलेट मोटरसाईकिल है। आस-पास के ग्रामीणों के अलावा पुलिस वाले भी इस मोटरसाईकिल की पूजा करते हैं। इनका विश्वास है कि मोटरसाईकिल की पूजा करने से उनकी मनोकामना पूरी होती है और यात्रा के दौरान कोई विघ्न नहीं आता है।
ऐसे बना बुलेट मोटरसाइकिल भगवान
यह बुलेट मोटरसाइकिल भी कभी आम मोटरसाइकिल की तरह हुआ करता थी। चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह के पुत्र ओम सिंह राठौर इस बुलेट की सवारी किया करते थे। ओम सिंह को अपने बुलेट मोटरसाईकिल से बड़ा प्यार था।
एक बार बुलेट की सवारी करते हुए ओम सिंह उस स्थान से गुजरा जहां पर आज बुलेट मोटरसाइकल का मंदिर है। इस स्थान पर अक्सर सड़क हादसा हुआ करता था। उस दिन भी ऐसा ही हुआ सड़क दुर्घटना में ओम सिंह मर गया।
पुलिस ने ओम सिंह के शव को अपने कब्जे में ले लिया और मोटरसाईकिल को थाने भेज दिया। दुर्घटना के अगले दिन पुलिस वालों ने देखा कि मोटरसाइकिल थाने में नहीं है। तलाश करने पर मोटसाईकिल वहीं मिली जहां दुर्घटना हुई थी। पुलिस फिर से मोटरसाईकिल को थाने ले आई।
लेकिन अगली रात फिर यही घटना हुई मोटरसाइकिल अपने आप उस स्थान पर पहुंच गयी जहां पर दुर्घटना हुई थी। कई दिनों तक यही सिलासिला जारी रहा तो पुलिस वालों ने ग्रामीणों से विचार करके दुर्घटना वाले स्थान पर एक चबूतरे का निर्माण करवाकर मोटरसाईकिल को वहां रख दिया।
इसके बाद से मोटरसाइकिल भगवान के रूप में विख्यात हो गया और लोग मोटरसाइकिल को प्रसाद एवं फूल माला चढ़ाने लगे। मन्नत पूरी करने के लिए मोटरसाइकिल में धागा भी बांधा जाने लगा।