बांदा, 20 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के तेंदुरा गांव में ग्रामीणों के विरोध के बावजूद एक समुदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा बाहरी साधु को श्रीराम-जानकी मंदिर का जबरन महंत घोषित कर कब्जा करा देने का मामला तूल पकड़ लिया है। ग्रामीण शनिवार को बैठक कर आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान करेंगे।
ग्राम प्रधान शैलेंद्री सिंह के पति सुनील सिंह ने बताया कि मौजूदा महंत केशवदास की 11 मई को हुई मौत के बाद चित्रकूट के साधु राजकुमार दास ने उसी शाम आकर मंदिर में कब्जा कर लिया था, हालांकि मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने मंदिर खाली करा लिया था।
बाद में 16 मई को कोर्रही गांव के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य मो. रईस खां और जिला पंचायत बांदा की अध्यक्ष के प्रतिनिधि टिंकू सिंह अपने दर्जन भर साथियों के साथ मंदिर परिसर पहुंच कर ग्रामीणों के विरोध के बावजूद राजकुमार दास को महंत घोषित कर मंदिर पर फिर कब्जा करा दिया। ग्रामीणों के साथ जाकर उन्होंने इसकी शिकायत बांदा के कमिश्नर से की थी, मगर अब तक कब्जा नहीं हटाया गया, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है।
सुनील सिंह ने बताया कि शनिवार को बड़े देव बाबा के स्थान पर सर्वजातीय ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें मंदिर से अवैध कब्जा हटाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया जाएगा। प्रशासन जानबूझ कर हस्ताक्षेप नहीं कर रहा है, जिससे गांव में तनाव बढ़ता जा रहा है।
इसी गांव पंचायत के सदस्य और आरटीआई कार्यकर्ता त्रिभुवन सिंह ने आरोप लगाया कि उन्होंने अवैध कब्जा बावत कई शिकायती पत्र प्रशासन को भेजे हैं, जिससे नाराज होकर स्वयंभू महंत के पक्षधर हत्या करने की धमकी दे रहे हैं।
ओरन पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने फोन पर बताया कि महंत केशवदास के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद कुछ बाहरी संतों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया था, पुलिस बल ने उस समय कब्जा हटा दिया था, लेकिन बाद में कुछ संतों द्वारा कब्जा कर लेने की सूचना मिली है।
उन्होंने बताया कि गांव में मंदिर मुद्दे पर दो गुट बन गए हैं, एक तिहाई ग्रामीण राजकुमार को महंत बनाने का पक्षधर है। जबकि प्रधान के अगुआई वाले दो तिहाई ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, जिससे टकराव की स्थिति बन गई है।
अतर्रा के उपजिलाधिकारी ए.के. पुष्कर का कहना है कि मंदिर विवाद उनके संज्ञान में है, जांच कराई जा रही है। कानूनी राय लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी से उनके सरकारी मोबाइल पर फोन कर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
इस गांव में करीब चार सौ साल पुराना श्रीराम जानकी मंदिर है, जिसमें अष्टधातु की भगवान श्रीराम, जानकी और श्रीकृष्ण की बहुमूल्य मूर्तियां हैं। इस मंदिर के नाम डेढ़ सौ बीघे से ज्यादा कृषि भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। एक दशक पहले भी इस मंदिर पर अवैध कब्जा करने का असफल प्रयास किया गया था।