उज्जैन, 20 मई (धर्मपथ)। मध्यप्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में चल रहे शताब्दी के दूसरे सिंहस्थ कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान 21 मई को है। इस बार के शाही स्नान के लिए विभिन्न अखाड़ों के लिए समय और घाट तय कर दिए गए हैं। पहली बार शैव और वैष्णव अखाड़ों के साधु अलग-अलग घाटों पर एक ही समय नहाते नजर आएंगे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में गुरुवार की शाम हुई बैठक में तय हुआ है कि सिंहस्थ के तीसरे व अंतिम शाही स्नान में 21 मई को क्षिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा व रामघाट पर एक ही समय तड़के तीन बजे से शैव व वैष्णव अखाड़ों के साधु-संत शाही स्नान करेंगे।
बैठक में सर्वसम्मति से स्नान का समय तय किया गया है। स्नान का समय सुबह चार बजे के स्थान पर तीन बजे करने तथा दत्त अखाड़ा घाट एवं रामघाट पर एक ही समय में शैव और वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से अखाड़ों के स्नान का समय 11 बजे तक पूरा हो जाएगा और श्रद्धालुओं के स्नान के लिए घाट उपलब्ध रहेंगे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जूना आवाहन एवं अग्नि अखाड़े का स्नान तड़के तीन बजे से, निरंजनी एवं आनंद अखाड़े का स्नान सुबह चार बजे से और महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े का शाही स्नान सुबह पांच बजे से शुरू होगा। शैव अखाड़ों के साधु-संन्यासियों के स्नान के बाद सुबह सात बजे से दत्त अखाड़ा घाट आम श्रद्धालुओं के स्नान के लिए खुला रहेगा।
इसी तरह रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों के स्नान की व्यवस्था रहेगी। निर्मोही अणि अखाड़ा का स्नान तड़के तीन बजे से, दिगम्बर अणि अखाड़े का स्नान सुबह चार बजे से और निर्वाणी अणि अखाड़े का स्नान सुबह पांच बजे से रामघाट पर शुरू होगा।
सुबह 7़ 30 बजे तक रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान पूरा हो जाएगा। रामघाट पर ही उदासीन अखाड़ों का स्नान होगा। बड़ा उदासीन अखाड़ा और नया उदासीन अखाड़े के साधु सुबह 8़ 30 बजे स्नान के लिए रामघाट पहुंचेंगे और 9़ 30 बजे तक स्नान कर अपनी छावनी में लौट जाएंगे।
रामघाट पर निर्मल अखाड़े का स्नान सुबह 10 बजे से शुरू होगा और 11 बजे तक स्नान पूरा होकर घाट आम श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उपलब्ध रहेगा।
बैठक में स्नान के लिए तय समय-सीमा का पालन निर्धारित समय में पूरा करने पर भी सभी ने सहमति जताई। शाही स्नान के लिए जाते समय जुलूस में वाहनों की संख्या कम से कम रखने, जुलूस में शामिल वाहनों का क्रम अंकित करने तथा जुलूस में भक्तों की संख्या भी सीमित रखने पर सहमति व्यक्त की गई, जिससे कि यातायात व्यवस्था में कोई असुविधा न हो।
संभागायुक्त रवींद्र पस्तोर ने कहा कि सभी अखाड़े अपने महामंडलेश्वरों से आग्रह करें कि वे अलग से जुलूस निकालकर शाही स्नान में शामिल न होते हुए अखाड़ों के साथ ही स्नान करें। जुलूस में बिना नंबर और बगैर आईडी कार्ड के कोई वाहन या श्रद्धालु शामिल न हो।
बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी़ मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, जिलाधिकारी कवींद्र कियावत, मेला अधिकारी अविनाश लवानिया सहित सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी उपस्थित थे।