उज्जैन, 19 मई (आईएएनएस)। मालेगांव बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से 10 साल बाद क्लीनचिट पाने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर राष्ट्र कल्याण की कामना की।
देवास न्यायालय के निर्देश पर बुधवार को प्रज्ञा ठाकुर को भारी सुरक्षा बंदोबस्तों के बीच उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान स्नान कराने के लिए भोपाल के खुशीलाल आयुर्वेदिक चिकित्सालय से उज्जैन ले जाया गया था। उन्होंने गुरुवार को महाकाल के मंदिर में पूजा-अर्चना की।
प्रज्ञा को गर्भगृह में ले जाकर दर्शन कराए गए। सिंहस्थ के दौरान प्रज्ञा पहली ऐसी व्यक्ति हैं, जिन्हें ‘वीआईपी’ से कहीं बढ़कर दर्शन की सुविधा मुहैया कराई गई।
ज्ञात हो कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आम लोगों की तरह महाकाल के दर्शन किए थे। प्रशासन और मंदिर समिति ने कुंभ के दौरान ‘वीआईपी दर्शन व्यवस्था’ पर पूरी तरह रोक लगाई हुई है।
दर्शन के बाद प्रज्ञा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने महाकाल से देश कल्याण के लिए प्रार्थन की है और कामना की है कि देश पर किसी तरह का आतंकी हमला या अन्य कोई आपदा न आए।
देवास न्यायालय ने प्रज्ञा के कुंभ स्नान के लिए राज्य सरकार को बंदोबस्त करने का आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर प्रज्ञा ने सोमवार से अनशन शुरू कर दिया था। बाद में बुधवार को उन्हें सर्वसुविधा युक्त एंबुलेंस से उज्जैन ले जाया गया, जहां उन्होंने एक बच्चे के हाथ से मिठाई खाकर अपना अनशन खत्म किया था।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इन दिनों राजधानी भोपाल के केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उनकी बीमारी का भोपाल के खुशीराम आयुर्वेदिक चिकित्सालय में उपचार चल रहा है, जहां से उन्हें उज्जैन ले जाया गया।
महाराष्ट्र के नासिक जिले मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को शब-ए-बारात की रात एक मस्जिद के समीप किए गए बम विस्फोट में 37 लोगों की मौत हो गई थी और 125 लोग जख्मी हुए थे। प्रज्ञा हिंदूवादी चरमपंथी संगठन ‘अभिनव भारत’ से जुड़ी रही हैं। कांग्रेस इस विस्फोट को ‘भगवा आतंकवाद’ नाम देती रही है।
पार्टी का सवाल है कि मुख्य आरोपी का बयान आने के बाद एटीएस ने चार्जशीट दाखिल किया था। केंद्र की सत्ता बदलने के बाद एनआईए ने किस आधार पर प्रज्ञा को क्लीनचिट दिया है।