काठमांडू, 19 मई (आईएएनएस)। दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मलेन की गुरुवार को यहां शुरुआत हुई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने कहा कि इसका लक्ष्य दुनिया को यह संदेश देना है कि बुद्ध नेपाल में पैदा हुए थे।
ओली ने कहा, “हमारी सभ्यता के विकास में भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म के योगदान का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। हम अपनी समृद्ध सभ्यताओं, हमारे प्राचीन मूल्य और दर्शन का वैश्विक स्तर पर गुणगान कर पाने में सक्षम नहीं साबित हुए हैं, जबकि हमारे पूर्वज मानव सभ्यताओं को रास्ता दिखाने में आगे थे।”
ओली ने कहा कि बुद्ध सत्य और शांति की तलाश की एक अभिव्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे लिए वह सिर्फ एशिया के लिए ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया के लिए रोशनी हैं। उनके संदेश, जो बौद्ध दर्शन के रूप में हमारे पास हैं, एक मजबूत नींव हैं जिन पर हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान आकार लेती है। और, हम इस गौरवशाली परंपरा को साझा करने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।”
उन्होंने भारत, चीन और यूनेस्को का लुम्बिनी के विकास के लिए लगातार मदद देने के प्रति आभार प्रकट किया।
नेपाल में हो रहे ‘लुम्बिनी, नेपाल : भगवान बुद्ध की जन्म स्थली और बौद्ध धर्म और विश्व शांति का फव्वारा’ सम्मलेन में दुनिया भर से सैकड़ों बौद्ध विद्वान, बौद्ध भिक्षु और सरकारी प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
नेपाल सरकार ने शनिवार को लुम्बिनी में भगवान बुद्ध की 2,560वीं जयंती के उपलक्ष्य में अलग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। लुम्बिनी भगवान बुद्ध की जन्म स्थली है।