अनिल सिंह (भोपाल)– अजय सिंह को इस बारे में पता था उन्हें कुछ पत्रकारों ने पहले ही इस घटना के घटित होने से अवगत करा दिया था।दरअसल भाजपाई भले ही इस घटना का श्रेय ले कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन राजनीति कुछ और कह रही है, आईये नजर डालें अय्यारों की खबर पर————-
किसके प्रति आक्रोश था और कौन निशाना लगा रहा था
इन सब के पीछे हमेशा से खेल खेलने वाले सुरेश पचौरी थे और वे नाखुश थे दिग्विजय सिंह के प्रति,आने वाले समय में सभी सामंत अपनी अपनी गोटी बैठाने में व्यस्त हैं पचौरी ने भी अपना काम किया लेकिन योजना का खुलासा होने पर बाकी खिलाडियों ने अपने खेलने के तरीके में बदलाव कर दिया क्योंकि इस चुनाव में पचौरी को ज्यादा तरजीह मिलने की उम्मीद नहीं थी।
भाजपा क्यों आई इस घटना के फेर में
दरअसल शिवराज अविश्वास प्रस्ताव से घबराए हुए थे ,क्योंकि सबसे ज्यादा हमले उनके और उनके रिश्तेदारों पर ही होने वाले थे अतः ज्यादा नुकसान का डर उन्हें ही था और वर्तमान में मुखिया वे ही हैं ,इस टास्क की जिम्मेदारी जिन्हें सौंपी गयी थी वे वही थे जिन्होंने कक्का जी को निपटाया, जिन्होंने प्रभात झा का कद कम किया और चतुर सुजान शिवराज भोले ही बने रहे।
राकेश सिंह को पाकर क्या हुआ
भाजपा खुश है,आज भाजपा कार्यालय में ऐसा माहौल था जैसे चुनाव जीत लिया हो,लेकिन इसके पीछे भाजपा के जो आदर्श हैं,वरिष्ठ नेताओं ने जो आदर्श खड़े किये थे ,चाल,चरित्र और चेहरे के सिद्धांतों को कुचल दिया गया। खैर राजनीति में सब जायज है लेकिन क्या आपका इतिहास है आपको किन आदर्शों के कारण लोग मानते हैं क्या आप मात्र स्वार्थसिद्धों के ही बन कर रह गए हैं यह मुख्य है नहीं तो आप और वे तो एक ही हो गए फिर तुलना करने के लिए चुनाव के विकल्प ही ख़त्म हो जाते हैं।
वोट समीकरण क्या कहेंगे
दरअसल जो राकेश सिंह ने बयान दिया कि वे मात्र हिंदुत्व के मुद्दे पर नाराज हो कर आये हैं यह बड़ा बचकाना और हड़बड़ी भरा बयान है ,इस नाटकीय बयान के पीछे अपने उन सौदों को वे छिपाना चाहतें हैं जो वे भाजपा से कर कांग्रेस का दामन छोड़ आये दरअसल उन्हें भी अपनी जमीन भिंड से खिसकती दिख रही थी और वे आ गए समय के चक्कर में।जिन 721 हिन्दुओं को वापस केदारनाथ से लाने का दबाव वे शिवराज पर बनाना चाहते थे अब साथ आने पर क्या वे उन हिन्दुओं को ला पायेंगे ये जो हिन्दू होने का दम भर रहे हैं कहाँ थे वे जब केदारनाथ में आपदा आई थी इन्होने जनप्रतिनिधि होने के नाते क्या किया,जिस शिवराज के सामने ये हिन्दू होने का दम भर रहे थे शिवराज उस समय असहज थे क्योंकि हिंदुत्व के मुद्दे पर नहीं विकास के मुद्दे पर शिवराज का अगला चुनाव है।
अब एक राय से मुस्लिम वोट और अन्य अल्पसंख्यक वोट कांग्रेस को जाएगा,हिन्दू वोट तो हमेशा से बंटता आया है यदि आने वाले दिनों में भाजपा शासन की कारगुजारियां कांग्रेस जनता के सामने लाने में सफल रहे तो भाजपा के लिए रास्ता कठिन हो जाएगा।