नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप मामले में गुरुवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी पर सुनाए जाने वाले फैसले को टाल दिया। अब यह फैसला 25 जुलाई को सुनाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने इस मामले की रिपोर्टिग के संबंध में भी मीडिया को कुछ गाईडलाइन जारी की हैं। इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला सुनाए जाने के बाद इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने के से गैंगरेप की भेंट चढ़ी युवती के परिजनों को मना किया है।
नाबालिग पर फैसला सुनने के लिए आज काफी संख्या में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के बाहर मीडिया समेत लोगों और वकीलों की काफी भीड़ मौजूद रही। दिल्ली गैंगरेप की भेंट चढ़ी युवती के परिजन भी फैसला सुनने के लिए मौके पर मौजूद थे। आज सुनाए जाने वाले इस फैसले पर पूरे भारत की निगाहें लगी हुई थी।
दिल्ली गैंगरेप मामले
वारदात के वक्त नाबालिग रहा आरोपी 4 जून को बालिग हो चुका है। इस मामले में वह दोषी पाया गया है अब आशा की जा रही है कि उसे अधिकतम तीन साल की सजा होगी। ऐसे में उसे बाल सुधार गृह के स्पेशल होम में 21 वर्ष की आयु तक रखा जाएगा।
सजा के बाद भी घर में नहीं मिलेगी जगह:-
दिल्ली गैंगरेप मामले का यह नाबालिग आरोपी भले ही बाद बरी हो जाए, लेकिन उसको अपने घर में अब जगह नहीं मिलेगी। यह कहना है नाबालिग आरोपी की मां का। उसका कहना है कि वह नहीं जानती है कि उसकी असली उम्र क्या है, लेकिन जो अपराध उसने किया है उसके लिए उसको अधिक से अधिक सजा मिलनी चाहिए। उसकी मां के मुताबिक वह और पूरा गांव भी इसी पक्ष में है कि सजा पूरी होने के बाद भी उसको गांव और घर में न घुसने दिया जाए।
बदायूं का रहने वाला है आरोपी :-
नाबालिग आरोपी उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है। पांच भाई-बहनों में वह सबसे बड़ा है। गरीबी के कारण बचपन में पढ़ाई छोड़ दी और 12 साल की उम्र में भागकर दिल्ली आ गया था। यहां निजी बसों में वह परिचालक की नौकरी करने लगा था। इस दौरान ही दिल्ली गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह से उसकी मुलाकात हुई थी। वारदात के समय उसकी उम्र 17 साल 6 महीने 11 दिन थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर 28 जनवरी को उसे नाबालिग करार दिया था। पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार नाबालिग आरोपी का राम सिंह पर कुछ रुपये बकाया थे। रुपये लेने के लिए वह 16 दिसंबर की सुबह आरकेपुरम सेक्टर तीन स्थित रविदास कैंप आया था।
दोपहर में राम सिंह के घर में राम सिंह, नाबालिग आरोपी, मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा व पवन गुप्ता ने मांस खाया व शराब पी। शाम को सभी छह आरोपी चार्टर्ड बस में मौजमस्ती करने निकल पड़े। नाबालिग परिचालक की सीट पर बैठा था और मुकेश बस चला रहा था। कैंप से निकलते ही नाबालिग ने आरकेपुरम सेक्टर चार के पास आवाज लगाकर संगम विहार निवासी फल विक्रेता रामाधार सिंह को बस में बैठा लिया। उसका मोबाइल फोन व 11 सौ रुपये लूटने के बाद बस से उतार दिया।
इसके बाद उसने मुनिरका बस स्टॉप के पास युवती व उसके दोस्त को द्वारका जाने की झूठी बात कह बस में बैठा लिया था। दोनों के बस में घुसते ही उसने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया था। मुकेश को छोड़ अन्य पांच ने युवती से दुष्कर्म किया था। साथ ही उसे बुरी तरह घायल कर दिया। बाद में नाबालिग ही युवती के बाल पकड़ घसीटते हुए गेट तक ले गया। चलती बस से युवती व उसके दोस्त को फेंक दिया था। घटना के पांचवें दिन 21 दिसंबर को पुलिस ने नाबालिग आरोपी को आनंद विहार बस अड्डे के पास से दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर युवती का एटीएम कार्ड, रामाधार सिंह का मोबाइल व 11 सौ रुपये बरामद कर लिया गया था।
आठ लोगों की हुई गवाही :-
मामले में बीते 26 मई को अभियोजन की गवाही पूरी हो गई। अभियोजन की तरफ से आठ गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। इनमें वसंत विहार थाने के थानाध्यक्ष अनिल शर्मा, जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर प्रतिभा सिंह, चश्मदीद युवती का दोस्त अवनींद्र, नाबालिग के स्कूल के वर्तमान व पूर्व प्रधानाचार्य, युवती के बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट, एसडीएम व एक अन्य शामिल हैं। 26 जून को सजा पर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस हुई। दिल्ली गेट स्थित बोर्ड की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट गीतांजली गोयल के यहां सुनवाई हुई। उन्होंने रूल-2 जेजे एक्ट के तहत उसे नाबालिग करार दिया था। इसके बाद जेजे एक्ट के सेक्शन 15 के तहत उस पर ट्रायल चला।