मुंबई, 16 मई (आईएएनएस)। मेडिकल में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा(एनईईटी) को लेकर विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों की चिंता का मुद्दा उठाते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को फोन कर पूछा है कि देश कौन चला रहा है-सरकार या सर्वोच्च न्यायालय।
ठाकरे ने मीडिया से कहा, “मैंने प्रधानमंत्री को फोन किया और उनसे पूछा- देश कौन चलाता है- सरकार या सर्वोच्च न्यायालय? मैंने एनईईटी को लेकर गंभीर चिंता से उन्हें अवगत कराया। इसकी वजह से विद्यार्थी और अभिभावक समान रूप से चिंतित हैं।”
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मोदी से कहा कि एनईईटी राज्य शिक्षा बोर्डो को बेकार बना देगा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया तो किसानों की तरह हताशा में विद्यार्थी आत्महत्या करेंगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा, “जब महाराष्ट्र में पहले से ही कामन प्रवेश परीक्षा(सीईटी) है तो एनईईटी किस लिए?”
सर्वोच्च न्यायालय ने गत नौ मई को अपने 28 अप्रैल के फैसले को बदलने से इनकार कर दिया था। अदालत ने अकादमिक वर्ष 2016-17 से देश भर में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए एनईईटी को अनिवार्य कर दिया है।
महाराष्ट्र के मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए पांच मई को चार लाख से अधिक छात्र एमएचटी-सीईटी की परीक्षा में शामिल हुए।
इस बीच मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वह इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों की चिंता से अवगत कराने और हस्तक्षेप के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।