नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैं और अब इसमें गिरावट की संभावना है।
यहां इंडियन वूमंस प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) के एक कार्यक्रम में जेटली ने संवाददाताओं से कहा, “बैंकों का बायलेंस शीट सुधरने के बाद (एनपीए में) गिरावट शुरू हो जाएगी।”
उन्होंने कहा, “आने वाली तिमाहियों में चीनी, इस्पात, बिजली जैसे क्षेत्रों का बायलेंस शीट पर प्रभाव सकारात्मक रह सकता है और यह विकास में योगदान कर सकता है।”
बढ़ते एनपीए के बारे में जेटली ने कहा कि कम-से-कम बैंकों के बायलेंस शीट में पारदर्शिता अपनाई गई है और उनकी वास्तविकता सामने आ गई है।
जेटली ने कहा कि बैंकों की ऋण देने की क्षमता विकास के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, “जब पूरी दुनिया की विकास दर बेहतर हो, तब आप उच्च विकास दर हासिल कर लेते हैं। इसके उलट जब वैश्विक स्थिति विपरीत हो, तब उच्च विकास दर हासिल कर पाना काफी कठिन होता है।”
उन्होंने कहा, “हम एक तनावपूर्ण अवधि के आखिरी हिस्से में हैं। मानसून की भविष्यवाणी बेहतर है। इससे गांवों में मांग बढ़ सकती है।”
भारतीय रिजर्व बैंक के साथ वित्त मंत्रालय के संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि मंत्रालय और आरबीआई का संबंध एक परिपक्व संबंध है।
जेटली ने कहा, “दोनों के बीच सांस्थानिक संबंध है। दोनों संस्थानों में चर्चा होती है और दोनों एक-दूसरे की राय पर गौर करते हैं।”
यह पूछने पर कि क्या आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को दूसरे कार्यकाल के लिए चुना जा सकता है, जेटली ने कहा, “इन मुद्दों पर हम मीडिया के जरिए बात नहीं करते हैं।”