कराची, 8 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के चर्चित मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम जाकी की यहां एक रेस्तरां में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह उस वक्त एक दोस्त के साथ रात का भोजन कर रहे थे। उनके गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने हत्या के लिए ‘तकफीरी देवबंदी के आतंकवादियों’ को जिम्मेदार ठहराया है।
मीडिया रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया कि एक मोटरसाइकिल पर दो हमलावर आए और जाकी (40) पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर फरार हो गए। जाकी के साथ उस वक्त उनके पत्रकार दोस्त राव खालिद भी थे।
इस हमले में जाकी की मौत हो गई और राव खालिद व एक अन्य शख्स गंभीर रूप से घायल हो गए।
समाचारपत्र ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने कहा कि जाकी को कई गोलियां लगी थीं। हमलावरों ने नौ एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया। घटनास्थल से गोलियों के 10 खोखे मिले हैं।
पूर्व पत्रकार जाकी मानवाधिकारों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। वह एक वेबसाइट के संपादक और फेसबुक पेज ‘लेट अस बिल्ड पाकिस्तान’ (एलयूबीपी) से जुड़े हुए थे। वह इसके जरिए उदारवादी धार्मिक विचारों का प्रसार और सभी रूपों में चरमपंथ की निंदा कर रहे थे।
एलयूबीपी के एडिटर इन चीफ अली अब्बास ताज ने ‘जाकी की शहादत’ पर शोक जताया और कहा कि जाकी देवबंदी के आतंकवादियों द्वारा मौत के घाट उतारे गए एलयूबीपी की संपादकीय टीम से दूसरे शख्स हैं।
जाकी के ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, वह समाचार चैनल ‘न्यूज वन’ के करेंट अफेयर्स विभाग के पूर्व प्रमुख थे, जहां वह सूचना एवं मनोरंजन और धार्मिक प्रोग्रामिंग देखते थे।
समाचारपत्र ‘डॉन’ की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, जाकी की वेबसाइट ‘लबपाक डॉट कॉम’ को मौजूदा समय में पाकिस्तान में बंद है।
जाकी पिछली बार उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने जिब्रान नसीर के साथ मिलकर लाल मस्जिद के मौलवी मौलाना अब्दुल अजीज के खिलाफ अभियान चलाया था। उन्होंने मौलाना पर शिया मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने का आरोप लगाया था।
जाकी और नसीर को इस मामले में मौलाना के खिलाफ मामला दर्ज कराने में सफलता मिली थी।
मानवाधिकार कार्यकर्ता सबीन महमूद ने भी लाल मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, जिनकी कराची में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने जाकी की हत्या की निंदा करते हुए हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।