नए अध्ययन के मुताबिक, चीन के ग्रामीण में बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
अध्ययन के नतीजे ‘यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी’ में प्रकाशित हुए हैं, जिसके अनुसार, चीन के शान्डोंग प्रांत में साल 1985 के मुकाबले साल 2014 में ग्रामीण इलाकों के बच्चों और किशोरों में मोटापा अधिक देखा गया।
यह निष्कर्ष शान्डोंग के ग्रामीण स्कूलों के लगभग 28,000 छात्रों के बारे में 29 साल के आकलन के आधार पर निकाला गया। सर्वेक्षण में शामिल छात्रों की उम्र सात से 18 वर्ष थी।
अध्ययन के अनुसार साल 2014 में 17.2 प्रतिशत लड़के मोटापे से ग्रस्त थे, वहीं 1985 में यह दर 0.03 प्रतिशत थी। लड़कियों के बीच मोटापे की दर 2014 में 9.11 प्रतिशत रही, जो साल 1985 में यह दर 0.12 फीसदी थी।
अध्ययन के सह-लेखक झांग यिंग्शू ने बताया कि साल 2014 में मोटे लड़कों और लड़कियों का प्रतिशत भी बढ़कर क्रमश: 16.35 प्रतिशत और 13.91 प्रतिशत हो गया, जबकि साल 1985 में यह क्रमश: 0.74 प्रतिशत और 1.45 प्रतिशत था।
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि सात से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों में अधिक देखी गई।
झांग के अनुसार, शहर के लोग संतुलित आहार की तरफ अधिक ध्यान देते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अब भी सब्जियों की जगह मांस पसंद करते हैं और बहुत ज्यादा नमकीन तथा तैलीय खाना खाते हैं।
उन्होंने कहा, “आहार आदतें एक जटिल सामाजिक मुद्दा है और ग्रामीण समुदाय के लोगों को संतुलित आहार के महत्व का एहसास करने के लिए विकास के एक निश्चित चरण में प्रवेश करने की जरूरत है।”
मोटापा हाईपरटेंशन, मधुमेह और हृदय रोग का कारण हो सकता है।