उज्जैन, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। सिंहस्थ कुंभ में इन दिनों विश्व भर के याजक क्षिप्रा नदी में स्नान के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं। इसी क्रम में अखिल विश्व गायत्री परिवार के संजीवनी साधना सत्र का समापन शनिवार को हुआ।
संजीवनी साधना सत्र में 134 साधकों ने भाग लिया। प्रति साधक 24000 गायत्री मंत्रों का जप किया गया। यहां 3,21,6000 गायत्री मंत्रों का जप और 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के माध्यम से प्रतिदिन 11000 मंत्रों से आहुति दी जाती है।
इंदौर की लक्ष्मी जादव का मानना है कि सिंहस्थ कुंभ के दिव्य वातावरण में किया यह अनुष्ठान अधिक फल देगा। इस दिव्य वातावरण मे आंनद का अनुभव होता है।
गायत्री परिवार के राष्ट्रीय जोनल समन्वयक कालीचरण शर्मा के अनुसार, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की तरह ही यहां साधक प्रात: 4.30 से लेकर रात्रि 9 बजे तक आश्रम की दिनचर्या में भाग लेता है। साधना, स्वाध्याय, सत्संग, सेवा आदि कार्यो में साधक सतत संतों का सान्निध्य प्राप्त करता है।
शर्मा का कहना है कि परम पूजय गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा तीर्थ सेवन के बारे में कहा गया है कि तीर्थ का लाभ तभी मिलता है, जब आप वहां के दिव्य वातावरण में अपने आप को ढाल दें।
गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी देवेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, 1 से 9 मई, 11 से 19 मई तक दो और संजीवनी साधना सत्र निरंतर चलाए जाएंगे। जो साधक इस सत्र में भाग लेना चाहता है, वह गायत्री परिवार के शिविर पंडाल में आकर अपना नाम दर्ज करा सकता है।