नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसे दो साल तक वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच की सुध नहीं थी और अब काली सूची में शामिल की गई कंपनी की पिछले दरवाजे से मदद कर रही है।
एंटनी एक प्रेस वार्ता में कांग्रेसी नेताओं के नाम के उल्लेख से बचते दिखे, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिह और अहमद पटेल आदि के नाम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और सीबीआई ने अदालती कार्रवाई में भाग लिया और किसी भी प्रत्यक्षदर्शी ने जिरह के दौरान किसी कांग्रेसी नेता का नाम नहीं लिया।
एंटनी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद मामले में, उसकी मातृ कंपनी फिनमेक्केनिका के बचाव के लिए झूठ बोल रही है। मोदी सरकार मामले पर पर्दा डालने की साजिश रच रही है, ताकि प्रतिबंधित कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी मातृ कंपनी फिनमेक्केनिका को की गई मदद छुपाई जा सके।”
एंटनी तब रक्षा मंत्री थे, जब यह घोटाला सामने आया था। उन्होंने कहा, “जब इस बारे में इटली से जानकारी सामने आई थी कि इस सौदे में दलाली हुई है। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू की।”
उन्होंने मोदी सरकार पर इस मामले को दो साल तक लटकाने का आरोप लगाया। एंटनी ने कहा, “उन्होंने इस मामले में आपराधिक लापरवाही दिखाई है। और वे मामले में लिप्त कंपनी को बचाने का रास्ता निकाल रहे हैं।”
“यह कांग्रेस के नेताओं को बदनाम करने की साजिश है।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड पर प्रतिबंध लगाने के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के आदेश को पलट दिया और अप्रैल 2015 में कंपनी को 100 नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के लिए बोली लगाने की अनुमति दे दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेसी नेताओं को फंसाने की साजिश रचते हुए एक सौदेबाजी के तहत ऐसा किया।
उन्होंने कहा, “अगस्ता वेस्टलैंड को मेक इन इंडिया का हिस्सा बनने की अनुमति क्यों दी गई, जबकि सीबीआई और ईडी (प्र्वत्तन निदेशालय) ने इस पर आपत्ति की थी।”
कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, “अगस्ता वेस्तलैंड और उसकी मातृ कंपनी पर लगाए गए प्रतिबंध को मोदी सरकार ने सीबीआई में मामला लंबित होने और नियमों के उल्लंघन के बावजूद हटा दिया है।”