नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष मत्तेयो रेनजी के बीच मुलाकात नहीं हुई थी।
मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष मत्तेयो रेनजी के बीच सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में द्विपक्षीय बैठकों के तहत कोई मुलाकात नहीं हुई थी।”
स्वरूप का यह जवाब अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के कथित बिचौलिए जेम्स क्रिश्चियन माइकल के आरोप लगाने के तुरंत बाद आया है।
माइकल ने आरोप लगाया है कि हेलीकॉप्टर सौदे में कांग्रेस के गांधी परिवार को फंसाने के बदले भारत ने इतालवी नौसैनिकों का मामला निपटाने का प्रस्ताव दिया था।
माइकल ने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ से कहा है कि मोदी और रेनजी के बीच बैठक के दौरान यह भारत ने यह प्रस्ताव दिया था।
माइकल ने कहा है कि लगता है कि इससे यह बात स्पष्ट हो गई है कि वह एक वाहक (पैसा पहुंचाने का माध्यम) होने का आरोपी है।
स्वरूप ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि जहां तक माइकल का सवाल है, भारत की कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉड्रिंग निरोधक कानून के तहत कार्रवाई कर रही हैं।
उसके खिलाफ सीबीआई के एक विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर, 2015 को गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है।
सीबीआई के आग्रह पर इंटरपोल मुख्यालय ने पिछले साल 25 नवंबर को रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया है। सीबीआई ने उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश प्रशासन से इस साल चार जनवरी को अस्थाई तौर पर गिरफ्तार करने का आग्रह किया है।
स्वरूप ने यह भी कहा कि निजी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा की अनियमितताओं की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने भी उसकी गिरफ्तारी के लिए गत 29 फरवरी को अलग से रेड कार्नर नोटिस भेजा है और गिरफ्तारी के लिए ब्रिटेन से माइकल को प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया है।