क्षेत्रीय जल संरक्षण विभाग के मुताबिक, इस निवेश से क्षेत्र के नदियों व झीलों की जल गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्रामीण इलाकों तक पाइपलाइन द्वारा पानी पहुंचाने में मदद मिलेगी।
कम से कम 70 फीसदी तिब्बती चरवाहे या किसान हैं।
विभाग के निदेशक दावा झाक्सी ने कहा, “हम छोटे खेत जल परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाएंगे, जिससे सिंचाई जल इस्तेमाल में सुधार होगा और खेतों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।”
उन्होंने कहा कि तिब्बत चारा घास ठिकानों का विकास करेगा और खेतों व जंगलों को जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी।