नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा में बुधवार को एक मंत्री की व्यक्तिगत टिप्पणी को लेकर मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी तथा केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
सदन में एक पूरक सवाल का जवाब देते हुए हेपतुल्ला ने हैदराबाद के सांसद से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘स्टैंट अप इंडिया’ योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यकों सहित सभी महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए उत्साहित करना है।
मंत्री के जवाब का सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर और ‘भारत माता की जय’ कहकर स्वागत किया।
इसके बाद हेपतुल्ला ने सुझाव देते हुए कहा कि योजना के तहत ओवैसी अपने किसी महिला परिजन के नाम पर ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मंत्री की इस टिप्पणी से ओवैसी भड़क उठे और उन्होंने कहा कि कोई भी उनके और उनके परिजन के खिलाफ इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, “मैं यहां एक निर्वाचित सांसद होने के नाते जनता के लिए सवाल पूछ रहा हूं।” अध्यक्ष की आसंदी के निकट पहुंचकर उन्होंने अपना विरोध भी जताया।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को धैर्य न खोने की सलाह दी। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर कुछ विवादित बातें कही गई हैं, तो उसे कार्यवाही से निकाल देनी चाहिए।
अध्यक्ष ऐसा करने के लिए राजी हो गईं।
दरअसल, ओवैसी मंत्री से यह जानना चाहते थे कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च ‘स्टार्ट अप इंडिया’ तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ का हिस्सा है या नहीं। ये योजनाएं कौशल से संबंधित योजनाओं को लेकर अल्पसंख्यकों को वित्तीय सहायता मुहैया कराती हैं।
हेपतुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार यह विभेद करने की इच्छुक नहीं है कि कौशल युक्त मजदूर तथा युवा छात्र मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं या नहीं और यह देश के हर हिस्से खासकर वंचितों व पिछड़ों की मदद के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देने का प्रयास है।
उन्होंने कहा, “इस बात की किसी ने सराहना नहीं की है कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है और वे स्टैंड अप योजना से लाभान्वित होंगी।” उन्होंने कहा कि सभी समुदायों की महिलाएं पिछड़ी हैं और काफी कुछ झेल रही हैं।
मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत कम से कम 35 हजार महिलाएं व पुरुष विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण ले रहे हैं और उन्हें नौकरी दी जाएगी। साथ ही अगर वे अपना व्यवसाय करना चाहते हैं, तो उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।